Ranchi : मारवाड़ी कॉलेज एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र रांची के संयुक्त तत्वावधान में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी: विजनरी नेशनलिस्ट एंड कल्चरल थिंकर विषयक व्याख्यान का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम मारवाड़ी कॉलेज के विवेकानंद सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें शिक्षा, संस्कृति और समाजसेवा से जुड़े कई प्रबुद्ध वक्ताओं ने शिरकत की.
डॉ मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता के लिए जीवन समर्पित किया – डॉ आनन्द बर्धन
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित म्यूजियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ आनन्द बर्धन ने डॉ मुखर्जी के जीवनवृत्त पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि,डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने न केवल भारत की एकता और अखंडता के लिए अपना जीवन समर्पित किया, बल्कि शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया, जो आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है
डॉ मुखर्जी का जीवन छात्रों के लिए प्रेरणा – प्राचार्य डॉ मनोज कुमार
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मारवाड़ी कॉलेज के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने कहा,डॉ मुखर्जी ने अल्पायु में ही शिक्षा के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित किए और कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने. हमारे छात्रों में भी यह सामर्थ्य है कि वे उनके जीवन से प्रेरणा लेकर वैश्विक मंच पर कॉलेज और देश का नाम रोशन करें.
सांस्कृतिक पुनर्जागरण के अग्रदूत थे डॉ मुखर्जी – डॉ संजय झा
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, रांची क्षेत्र के निदेशक डॉ संजय झा ने स्वागत भाषण में कहा,डॉ मुखर्जी का जीवन सांस्कृतिक पुनर्जागरण और राष्ट्र के प्रति निष्ठा का प्रतीक रहा है. वे आज भी हमारे लिए एक आदर्श हैं.
अन्य वक्ताओं और योगदानकर्ताओं की भूमिका
कार्यक्रम का संचालन डॉ कमल कुमार बोस ने किया और
धन्यवाद ज्ञापन डॉ अमित कुमार द्वारा प्रस्तुत किया गया.
आयोजन में डीएसपीएमयू के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के समन्वयक डॉ विनोद कुमार का विशेष सहयोग रहा.
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कॉलेज के शिक्षक, विद्यार्थी और इग्नू के पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे.
डॉ तरुण चक्रवर्ती (DSW, मारवाड़ी कॉलेज)
डॉ उमेश कुमार (परीक्षा नियंत्रक)
डॉ बैद्यनाथ कुमार (प्रभारी, इग्नू)
तथा अन्य शिक्षाविद एवं छात्र-छात्राएं.
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.
Leave a Comment