Ranchi : राजधानी की सड़कों पर दिन-रात ट्रैफिक व्यवस्था को नियंत्रित करने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मी खुद ही बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं. हरमू रोड, गाड़ी खाना चौक, एटीआई मोड़ और शहर के कई अन्य प्रमुख स्थानों पर ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों के पास स्थायी ट्रैफिक बूथ तक उपलब्ध नहीं हैं.
तेज धूप हो या लगातार होने वाली बारिश, पुलिसकर्मी खुले आसमान तले खड़े रहकर ड्यूटी करने को मजबूर हैं. कई जगहों पर उन्होंने खुद ही प्लास्टिक और कपड़े का अस्थायी टेंट बनाकर ट्रैफिक संभालने की व्यवस्था की है. लेकिन इन टेंटों की हालत इतनी खराब है कि बारिश के दौरान पानी टपकने लगता है और वहां खड़ा रहना भी मुश्किल हो जाता है.
सबसे गंभीर समस्या महिला पुलिसकर्मियों के लिए है. जहां ट्रैफिक बूथ बने हुए हैं, वहां भी शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. मजबूरी में उन्हें आसपास के होटल या निजी इमारतों का सहारा लेना पड़ता है. यह स्थिति उनके लिए बेहद असुविधाजनक और अपमानजनक मानी जा रही है.
पुलिसकर्मियों का कहना है कि स्थायी ट्रैफिक बूथ बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. इसके लिए आवेदन भी दिया गया है, लेकिन अब तक केवल प्रोसेस में है, कहकर मामला टाल दिया जा रहा है. उन्हें इस बात की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही कि कब तक यह काम पूरा होगा.
रांची को स्मार्ट सिटी बनाने की योजनाएं कागजों पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश करती है. जिस विभाग पर पूरे शहर की यातायात व्यवस्था की जिम्मेदारी है, उसी को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखना बड़े सवाल खड़े करता है.
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