- — आम जनता परेशान, प्रशासन की लापरवाही से शहर रोज जाम में फंस रहा
Ranchi : शहर में रोज़ाना हजारों लोग अपने रोजमर्रा के कामों के लिए ऑटो का सहारा लेते हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि पूरे शहर में ऑटो की संख्या तो हजारों में है, पर इनके लिए सिर्फ 3 ऑटो स्टैंड बनाए गए हैं. नतीजा यह है कि ज्यादातर ऑटो सड़क के किनारे ही खड़े मिलते हैं और यही वजह शहर में रोज जाम का कारण बन रही है.
ऑटो स्टैंड नाम के लिए… सुविधाएं बिल्कुल नहीं
ऑटो चालकों का कहना है कि नगर निगम ने स्टैंड तो बना दिए, लेकिन वहां बुनियादी सुविधाएं ही नहीं हैं.
ना पीने के पानी की व्यवस्था
ना शौचालय
ना बैठने की जगह
ऐसी स्थिति में ड्राइवर स्टैंड पर खड़े होने के बजाय सड़क किनारे ही यात्रियों का इंतजार करते हैं.
हकीकत: हजारों ऑटो, लेकिन 100 की भी जगह नहीं
जिन रूटों पर हजारों ऑटो चलते हैं, उन स्टैंडों में मुश्किल से 100 ऑटो भी खड़े हो सकते हैं. ऐसे में बाकी ड्राइवरों के पास सड़क पर रुकने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचता.सड़क पर ही सवारियां उठाना – जाम की सबसे बड़ी वजह चाहे ऑटो परमिट वाला हो या बिना परमिट वाला, लगभग सभी ड्राइवर सड़क पर ही सवारी उठाते हैं.जगह-जगह अचानक ब्रेक लगाकर ऑटो रोक दिया जाता है. इससे पूरे शहर में ट्रैफिक की हालत खराब रहती है और आम लोग रोज़ परेशानी झेलते हैं.
आधे से ज्यादा ऑटो चल रहे बिना परमिट
सबसे गंभीर बात यह है कि शहर में आधे से ज्यादा ऑटो बिना परमिट के चल रहे हैं.प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिना परमिट वाले ऑटो पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कभी-कभार अभियान चलता है, पर पैसे लेकर गाड़ी छोड़ दी जाती है
कई जगह ‘मंथली सेटिंग’ की भी शिकायतें हैं
इससे ईमानदार ड्राइवर भी मजबूर होकर रिश्वत देकर गाड़ी चलाने को मजबूर हैं.इसका नुकसान किसको? — आम जनता को!
सड़कें हमेशा जाम
ऑफिस, स्कूल, अस्पताल पहुंचने में दिक्कत
यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में
वहीं दूसरी ओर कुछ अधिकारी इस व्यवस्था से खुश हैं क्योंकि “जेब गर्म” होने की बात सामने आती रहती है. नगर निगम और प्रशासन दोनों की जिम्मेदारी शहरवासियों का सवाल बिल्कुल सीधा है
क्या इतने ऑटो के लिए सिर्फ 3 स्टैंड काफी हैं?
क्या ऑटो स्टैंड पर पानी और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएँ नहीं होनी चाहिए? जब तक नगर निगम स्टैंड की संख्या नहीं बढ़ाएगा और प्रशासन बिना परमिट वाले ऑटो पर सख्ती नहीं करेगा, तब तक रांची की सड़कें इसी तरह जाम में डूबी रहेंगी.
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