Search

रांची में पारा लुढ़कने से OPD में बढ़े मरीज, डॉक्टरों ने सतर्क रहने की दी सलाह

Ranchi : मौसम में अचानक बदलाव ने रांची के लोगों की जिंदगी को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. दिन में तेज धूप और दोपहर के बाद तापमान में अचानक गिरावट से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

 

खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर साफ नजर आ रहा है. बच्चों में वायरल इंफेक्शन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. पेडियाट्रिक डॉक्टरों का कहना है कि पिछले सप्ताह में दिन और रात के तापमान में उतार-चढ़ाव, प्रदूषण और खराब हवा की गुणवत्ता ने बच्चों को ज्यादा संवेदनशील बना दिया है. इसके चलते उन्हें कफ, सर्दी, बुखार, उल्टी, गले का संक्रमण और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो रही हैं.

 

रांची के विभिन्न अस्पतालों और क्लीनिकों में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है. रिम्स में पेडियाट्रिक ओपीडी में रोजाना 40 से 50 बच्चे सर्दी, खांसी और वायरल फीवर जैसी समस्याओं के साथ पहुंच रहे हैं.

 

डॉक्टरों का कहना है कि मौसम बदलने के दौरान बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. माता-पिता को चाहिए कि बच्चे पर्याप्त पानी पिएं, पौष्टिक भोजन लें और पर्याप्त आराम करें. अधिकतर इंफेक्शन अपने आप ठीक हो जाते हैं. लेकिन अगर लक्षण तीन से पांच दिन से ज्यादा बने रहें तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

 

वयस्क लोग भी इससे अछूते नहीं हैं. ठंड और तापमान में अचानक गिरावट के कारण लोगों में गले का संक्रमण, खांसी और बुखार सामान्य हो गए हैं. रिम्स के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर बी कुमार ने बताया कि लोग खुद से या मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक लेने से बचें क्योंकि इससे शरीर पर साइड इफेक्ट हो सकते हैं.

 

खासकर डायबिटीज और क्रोनिक बीमारियों वाले लोग ज्यादा सतर्क रहें. सदर अस्पताल के डॉ हिमालय झा ने बताया कि ठंड के मौसम में इन्हें निमोनिया का खतरा अधिक रहता है. ऐसे मरीज इंफ्लुएंजा वैक्सीन ले सकते हैं और ज्यादा समय घर के अंदर सुरक्षित रहना चाहिए.

 

इसके साथ ही मौसम बदलने के कारण कोल्ड डायरिया भी फैल रहा है. इसके बचाव के लिए हैंड हाइजीन, साफ-सुथरा खाना और बासी भोजन से बचने की सलाह दी गई है. ठंड के दौरान बीपी बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए नियमित चेकअप कराते रहें.

 

डॉक्टरों ने लोगों से कहा कि गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकलें, ठंडी हवा और अचानक तापमान परिवर्तन से बचें, हाथों की सफाई पर ध्यान दें और अगर वायरल या इंफ्लुएंजा के लक्षण दिखें तो आइसोलेट हों.

 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन एवं मानव स्वास्थ्य कार्यक्रम की ओर से शीतलहर के दौरान लोगों के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.

 

फ्रॉस्टबाइट और हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें. घर में पर्याप्त गर्माहट बनाए रखें, जरूरी दवाइयां, भोजन और पानी तैयार रखें. साथ ही जानवरों को भी ठंड से बचाएं और मौसम संबंधी जानकारी दूसरों तक पहुंचाएं.

 

सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे गर्म तरल पदार्थ लें, पौष्टिक भोजन करं  और अनावश्यक रूप से बाहर जाने से बचें ताकि शीतलहर और मौसम के अचानक बदलाव से स्वयं और परिवार सुरक्षित रहें.

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp