Ranchi : राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के निदेशक पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने निदेशक पर झारखंड हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना का आरोप लगाते हुए कहा है कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है.
हाईकोर्ट ने 11 अगस्त 2023 को स्पष्ट निर्देश दिया था कि रिम्स निदेशक नियुक्ति प्रक्रिया में सामने आई गड़बड़ियों की जांच करें, फर्जी प्रमाण पत्रों को खारिज कर नए सिरे से चयन सूची तैयार करें और दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों की पहचान कर उन पर कार्रवाई सुनिश्चित करें. कोर्ट ने यह भी कहा था कि तीन माह की तय अवधि में पूरी प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस मामले में निदेशक को अब तक चार स्मारक पत्र भेजे जा चुके हैं. इसके बावजूद न तो दोषी अधिकारियों की पहचान कराई गई है और न ही कार्रवाई रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है. विभाग का कहना है कि यह न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है और गंभीर कानूनी उल्लंघन है.
HC ने इस भर्ती विवाद पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी थी, ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो सके. बावजूद इसके, अब तक रिम्स निदेशक की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
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