Ranchi : रिम्स प्रबंधन ने हाल के दिनों में संस्थान से जुड़ी लगातार भ्रामक एवं नकारात्मक खबरों पर कड़ी आपत्ति जताई है. निदेशक डॉ. राजकुमार ने अपने संबोधन में कहा है कि जैसे ही रिम्स से संबंधित किसी जनहित याचिका पर चर्चा होती है, कुछ माध्यम मनगढ़ंत सूचनाएं प्रसारित करने लगते हैं, जिससे जनता भ्रमित होती है और संस्थान की छवि को अनावश्यक नुकसान पहुंचता है.
निदेशक के अनुसार, अदालत के संज्ञान लेने पर संस्थान को अपनी ताकत इन गलत रिपोर्टों का खंडन करने में लगानी पड़ती है, जिससे रिम्स का मुख्य उद्देश्य जनता को गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना प्रभावित होता है.
डॉ. राजकुमार ने यह भी कहा कि रिम्स एक विशाल और बहुआयामी संस्थान है, जहां तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद कभी-कभार ऐसी स्थितियां पैदा हो जाती हैं, जो प्रबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण होती हैं. ऐसे समय में गलत खबरें स्थिति को और जटिल बना देती हैं.
उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों के बीच निरंतर काम कर रहे रिम्स को कई बार निराधार रिपोर्टों का जवाब देने में महत्वपूर्ण समय और संसाधन खर्च करने पड़ते हैं. इससे अधिकारियों की कार्यक्षमता, उत्पादकता और मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. निदेशक ने जानकारी दी कि कुछ मीडिया संस्थान बार-बार तथ्यहीन खबरें प्रकाशित कर रहे हैं, जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
एक खबर का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि रिम्स में कंबलों की कमी संबंधी दावा पूरी तरह गलत है. उनके अनुसार, संस्थान में पर्याप्त संख्या में कंबल उपलब्ध हैं. साथ ही ब्लैंकेट बैंक भी संचालित हो रहे हैं, जहां मरीजों के परिजन 100 रुपये जमा कर कंबल ले सकते हैं और कंबल वापस करने पर राशि लौटा दी जाती है.
डॉ. राजकुमार ने कहा कि मनगढ़ंत रिपोर्टिंग सिर्फ रिम्स ही नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य विभाग की साख को प्रभावित करती है और उपचार व्यवस्था के सुचारू संचालन में भी बाधा उत्पन्न करती है.
रिम्स प्रबंधन ने सभी मीडिया संस्थानों और संपादकों से अपील की है कि किसी भी समाचार के प्रकाशन से पहले तथ्यों की पुष्टि अवश्य करें, ताकि आम जनता तक सही और जिम्मेदार जानकारी पहुंच सके.
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