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बिहार में RJD को एक और झटका, पूर्व सांसद विजय कृष्ण ने पार्टी से दिया इस्तीफा

Lagatar Desk :  राजद बिहार विधानसभा चुनाव के हार से उभरी भी नहीं थी कि पार्टी को एक और झटका लगा है. बाढ़ लोकसभा सीट से कभी नीतीश कुमार को हराने वाले पूर्व सांसद और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विजय कृष्ण ने RJD छोड़ दिया है. उन्होंने लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने इस्तीफे का कारण राजनीति से संन्यास लेना बताया है. 

 

अब राजनीति से दूरी चाहता हूं

विजय कृष्ण ने अपने इस्तीफे में लिखा कि मैंने दलगत और सक्रिय राजनीति से अलग होने का निर्णय लिया है, इसलिए राष्ट्रीय जनता दल की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देता हूं. कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें.

 

नीतीश के पुराने साथी, बाद में लालू के करीबी बने

विजय कृष्ण, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की तरह ही जेपी आंदोलन से निकले नेता हैं.  एक समय वह नीतीश कुमार के बेहद करीबी हुआ करते थे. दोनों का गांव भी एक-दूसरे से करीब था और शुरूआती दौर में उनका राजनीतिक सफर साथ-साथ ही चलता रहा. लेकिन जब नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद से दूरी बनाई, तो विजय कृष्ण ने लालू यादव का साथ चुना और यहीं से दोनों नेताओं में दूरी बढ़ती गई.

 

बाढ़ लोकसभा सीट पर दोनों दिग्गजों की टक्कर

पुराने परिसीमन के वक्त नीतीश और विजय कृष्ण दोनों का क्षेत्र बाढ़ लोकसभा था. इसी कारण दोनों कई बार इस सीट से एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में उतरे.  1999 में नीतीश कुमार ने विजय कृष्ण को हराया था. इसके बाद 2004 में नीतीश ने दो सीटों नालंदा और बाढ़ से चुनाव लड़ा. नालंदा से नीतीश जीते, लेकिन बाढ़ से विजय कृष्ण सांसद बने. लालू के करीबी होने के कारण विजय कृष्ण लंबे समय तक पार्टी में सलाहकार जैसी भूमिका में रहे. 

 

विजय कृष्ण की राजनीतिक यात्रा

विजय कृष्ण ने राजनीति की शुरुआत समाजवादी युवा सभा से की.  वे 1977 में जनता पार्टी के बिहार महासचिव बने. इसके बाद 1990 और 1995 में बाढ़ विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे. विजय कृष्ण राबड़ी देवी और लालू यादव की सरकार में मंत्री भी रहे.

 

मर्डर केस, सजा और रिहाई

2009 में विजय कृष्ण एक हत्या मामले में आरोपी बने. 2013 में कोर्ट ने उन्हें और तीन अन्य को उम्रकैद की सजा दी. लगभग 10 साल जेल में रहने के बाद 2022 में हाईकोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया. रिहाई के बाद भी वह RJD से जुड़े रहे, लेकिन पिछले कुछ समय से पार्टी से दूरी बनाए हुए थे.

 

अब पूरी तरह राजनीति से हटे

लंबे राजनीतिक सफर और कई उतार-चढ़ाव के बाद विजय कृष्ण ने अब राजनीति से पूरी तरह दूर रहने का फैसला ले लिया है और RJD से अपना नाता समाप्त कर दिया है.

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