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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, भारत का सनातन विचार कालातीत है, हिंदू भारत का प्राण है

Jaipur :  दुनिया हर 15 साल में अपने आदर्श बदल देती है, लेकिन भारत का सनातन विचार कालातीत है. वर्तमान में  दुनिया अपनी सभी समस्याओं का जवाब तलाशने के लिए भारत की ओर रुख कर रही  है. आज वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद  समाज में मूल्य प्रणाली पंगु हो गयी है.  युद्ध अभी भी चल रहे हैं.  

 

 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शनिवार को जयपुर में एकात्म दर्शन पर आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में बोल रहे थे.  आरएसएस चीफ ने कहा, मनुष्य, जो कभी जलवायु के सभी उतार-चढ़ावों को झेल सकता था, आज  कमजोर हो गया है. ऐसे इसलिए हो रहा है, क्योंकि तथाकथित विकास और प्रगति सभी तक नहीं पहुंची है.

 

उन्होंने कहा, एक पूरा वर्ग(गरीब) है जो विकास से वंचित हैं. मोहन भागवत ने कहा, विकास हो रहा है, लेकिन बहुत कम लोग(ताकतवर) ही इसका अनुभव कर रहे हैं. ताकतवर लोग संसाधनों को उन लोगों(गरीब) के विशाल बहुमत से हासिल किये जा रहे हैं, जो विकास से वंचित हैं. 

 

आरएसएस चीफ ने इस कार्यक्रम से पहले कल मालवीय नगर स्थित पाथेय कण संस्थान के नारद सभागार में आयोजित सामाजिक सद्भाव बैठक को संबोधित करते हुए कहा, हिंदू भारत का प्राण है, इसलिए भारत को तोड़ने की कोशिश करने वाले लोग हिंदुओं को तोड़ना चाहते हैं.

 

उन्होंने कहा, देश में आज ड्रग्स का जाल फैलाया जा रहा है.इसके पीछे की ताकतें भारत को दुर्बल बनाना चाहती हैं.  कहा कि आज के समय में स्वार्थ की भावना दुनिया का स्वभाव है.  

 

स्वार्थ भावना के आधार पर दुनिया को सुखी करने का प्रयास 2 हजार साल से चल रहा है, लेकिन यह  विफल हो रहा है क्योंकि स्वार्थ सबका भला नहीं कर सकता.  जिसमें ताकत है वो अपना स्वार्थ साध लेता है, उसके मन में कोई संवेदना नहीं रहती.  

 

 

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