Hazaribagh: चर्चित आरटीआई एक्टिविस्ट राजेश मिश्रा मामला अब सीआईडी के हवाले कर दिया गया है. हज़ारीबाग पुलिस ने इस मामले को सीआईडी को विधिवत सौंप दिया है. सीआईडी एसपी ने इस बारे में जिले के पुलिस कप्तान कार्तिक से बातचीत की, उसके बाद इस केस को विधिवत सीआईडी को सौंप दिया गया. अब सीआईडी पूरे मामले को देखेगी और एक्टिविस्ट के गिरफ्तारी के मामले में जो सच है उसे उजागर करेगी. आपको बता दें आरटीआई एक्टिविस्ट को 2 मार्च को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह निबंधन कार्यालय से वापस लौट रहे थे. इसी बीच उनकी डिक्की खोल कर उसमें से मादक पदार्थ निकाले गए. जिसका बाद में खुलासा हुआ कि यह मादक पदार्थ उन्हें फंसाने के लिए डाला गया था. लेकिन तब तक राजेश मिश्रा को जेल भेजा जा चुका था.
आरटीआई एक्टिविस्ट प्रकरण में साजिश
बाद में गिरफ्तारी के हर स्तर पर विरोध के बाद पुलिस कप्तान कार्तिक एस ने खुद कमान संभालते हुए 24 घंटे में इस मामले का उद्भेदन किया और इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि 2 मार्च को योजना बनाई गई. और तय हुआ कि राजेश मिश्रा के डिक्की में मादक पदार्थ डाला जाएगा. और फिर पुलिस को खबर कर दी जाएगी. इस साजिश में 5 लोग शामिल थे. योजना के अनुसार बाहर से अफीम और ब्राउन शुगर मंगाया गया और उसे डिक्की में रख दिया गया. इस साजिश में आनंद कुमार, डीड राइटर मोहम्मद एजाज, सरफराज आलम, बंटी और आदित्य सोनी की भूमिका रही. इस मामले में प्रयुक्त 6 मोबाइल को पुलिस ने जब्त किया था.
बड़ी मछलियां कब पकड़ में आएंगी ?
सीआईडी के लिए सबसे अहम होगा इस पूरे मामले में उन बड़ी मछलियों को पकड़ना, जो फिलहाल बाहर हैं. क्योंकि जो 5 लोग गिरफ्तार हुए हैं, वे छोटी मछलियां हैं. किसके निर्देश पर इन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया था ? उस तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है. शक की सुई निबंधन कार्यालय के रजिस्ट्रार पर भी है. अब देखना है सीआईडी इन बड़ी मछलियों पर भी हाथ डालती है या फिर केवल इन्हीं पांच गिरफ्तार लोगों तक ही जांच सिमट कर रह जाएगी.