Ranchi : झारखंड रेल यूजर्स एसोसिएशन द्वारा दायर एक आरटीआई में रांची रेल मंडल से जुड़ी कई अहम जानकारियां सामने आई हैं. एसोसिएशन ने बताया कि उन्होंने नई ट्रेनों की शुरुआत, पुराने रूटों पर फ्रीक्वेंसी बढ़ाने और कई ट्रेनों के विस्तार से संबंधित अपडेट के लिए दक्षिण पूर्व रेलवे, कोलकाता से जानकारी मांगी थी. इस RTI के जवाब में कई चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं.
RTI के अनुसार, रांची डिवीजन से भेजे गए कुछ प्रस्ताव रेलवे बोर्ड तक पहुंचे तो हैं, लेकिन वर्षों से लंबित पड़े हैं. वहीं, कई प्रस्तावों के बारे में दक्षिण पूर्व रेलवे ने स्पष्ट कर दिया कि उन्हें रांची डिवीजन से ऐसा कोई प्रस्ताव मिला ही नहीं है.
RTI में सामने आए प्रमुख प्रस्ताव और उनकी स्थिति
1. रांची–लखनऊ ट्रेन
स्थिति: प्रस्ताव रांची से मिला, दक्षिण पूर्व रेलवे ने रेलवे बोर्ड को भेजा.
2. रांची–इंदौर ट्रेन
स्थिति: प्रस्ताव रांची से मिला और बोर्ड को भेजा गया.
3. रांची–हरिद्वार ट्रेन
स्थिति: रांची से प्रस्ताव प्राप्त, बोर्ड को अग्रसारित.
4. रांची–अहमदाबाद ट्रेन
स्थिति: प्रस्ताव रांची से मिला और बोर्ड भेजा गया.
5. हटिया–दुर्ग स्पेशल का नागपुर/इतवारी तक विस्तार
स्थिति: ट्रेन को नियमित करने का प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन विस्तार का कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया.
6. अजमेर–रांची स्पेशल को नियमित करने का प्रस्ताव
स्थिति: प्रस्ताव प्राप्त, रेलवे बोर्ड को भेजा गया.
7. रांची–कमान खंभरिया एक्सप्रेस की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का प्रस्ताव
स्थिति: दक्षिण पूर्व रेलवे को ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला.
8. रांची–मुंबई एलटीटी वीकली की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का प्रस्ताव
स्थिति: ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ.
9. हटिया–एलटीटी एक्सप्रेस को दैनिक करने का प्रस्ताव
स्थिति: रांची से 6 दिन का प्रस्ताव मिला, बोर्ड को भेजा गया.
10. हटिया–यशवंतपुर एक्सप्रेस की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने का प्रस्ताव
स्थिति: प्रस्ताव प्राप्त, बोर्ड को भेजा गया.
11. हटिया–एसएमटी बेंगलुरु एक्सप्रेस को 5 दिन करने का प्रस्ताव
स्थिति: प्रस्ताव बोर्ड को भेजा गया.
12. पुणे–हटिया एक्सप्रेस को दैनिक करने का प्रस्ताव
स्थिति: ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला.
13. रांची–अल्लेप्पी क्लोन ट्रेन का प्रस्ताव
स्थिति: कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं.
14. रांची–लोहरदगा नई मेमू सेवा का प्रस्ताव
स्थिति: ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं मिला
एसोसिएशन ने कहा कि कई महत्वपूर्ण ट्रेन प्रस्ताव या तो अटके पड़े हैं या फिर रांची डिवीजन की ओर से भेजे ही नहीं गए. जबकि ये प्रस्ताव यात्रियों की बढ़ती भीड़ और सुविधाओं को सुधारने के लिए बेहद जरूरी थे. संस्था ने रेलवे बोर्ड से सभी प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करने और रांची डिवीजन से नियमित फॉलो-अप सुनिश्चित करने की मांग की है.
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