Ranchi : झारखंड की समृद्ध परंपराओं को संरक्षित और वैश्विक मंच तक पहुंचाने के लिए लक्ष्य के साथ रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग ने राज्य के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा को आवेदन सौंपा है.

इसमें विश्वविद्यालय के नौ जनजातीय भाषा मुंडारी, कुडुख, नागपुरी, संथाली समेत अन्य भाषाएं शामिल हैं. सभी विभागों के एचओडी ने संयुक्त रूप से यह आवेदन दिया है, जिसमें पारंपरिक वाद्ययंत्र, नृत्य-पोशाक और सांस्कृतिक सामग्री उपलब्ध शामिल हैं.
नागपुरी विभाग ने मांदर 12, नगाड़ा 12, ढोल 6, झांझ 12, घुंघरू 30 जोड़ा, बांसुरी व मुरली 12-12, करताल 6 जोड़ा, भेईर 6, बानाम 6, दो छोटे साउंड सिस्टम, 30 लाल पाइड़ साड़ियां, 30 धोती, 30 गंजी, 30 पगड़ी और पारंपरिक गमछा 30 की मांग रखी है.
कुडुख विभाग ने मांदर 4, नगाड़ा 4, झांझ 6, करताल 4, बांसुरी 8, घुंघरू 20 जोड़ा, घट 2, टइया 50, हसली 40, बिड़ियो 40, बाला 40 जोड़ा और 40 पगड़ी की आवश्यकता बताई है.
संथाली विभाग, जो राज्य की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषा है, ने मांदर 4, नगाड़ा 4, करताल 2, बांसुरी 48, झांझ 2, घुंघरू 10, झुमका 10 और छोटा डमका 1 जोड़ा मांगा है.
मुंडारी विभाग ने मांदर 12, नगाड़ा 12, ढोल 6, झांझ 6, घुंघरू 6, बांसुरी व मुरली 12-12, करताल 12, भैर 5, बानाम 6, छोटा साउंड सिस्टम 2 तथा 30-30 धोती, गंजी और परंपरागत गमछा की मांग की है.
खड़िया विभाग ने मांदर 4, नगाड़ा 2, झांझ 2, करताल 2 और टुहिला 2 की मांग की है. हो विभाग ने मांदर 6, नगाड़ा 4, जदुर मांदर 4 और झांझ 4 की जरूरत जताई है.
कुड़माली विभाग ने ढोल 6, नगाड़ा 6, मांदर 6, बांसुरी 6, झांझ 10, घुंघरू 25 सेट, ढाक 6, शहनाई 6 तथा 25-25 पीली साड़ी, धोती, गंजी, पट्टी पीला, गमछा और गजरा की सूची भेजी है.
पंचपरगनिया विभाग ने ढोल 2, नगाड़ा 4, बांसुरी 2, झांझ 4, घुंघरू 20 तथा 30-30 साड़ी सेट, धोती, गंजी, गमछा और झुमका की मांग रखी है.
खोरठा विभाग ने ढोल 6, नगाड़ा 6, उडिया मांदर 6, बांसुरी 6, झांझ 10, घुंघरू 25, ढाक 5 तथा 25-25 साड़ी, धोती, गंजी, पगड़ी और गमछा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.



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