Ranchi : प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), झारखंड कार्यालय ने नागरिकों और कर्मचारियों की शिकायतों के त्वरित और पारदर्शी निवारण के लिए अपना नया ऑनलाइन जन शिकायत निवारण पोर्टल समाधान लॉन्च किया है.
यह पहल महालेखाकार कार्यालय से जुड़े कार्यों को लेकर आने वाली शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया को अधिक सुगम, सुलभ और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
समाधान पोर्टल के माध्यम से पेंशनभोगी, सरकारी कर्मचारी और आम नागरिक पेंशन, राजपत्रित हकदारी और अन्य खातों से संबंधित अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं.
पोर्टल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि नागरिक आसानी से इसका उपयोग कर सकें. शिकायत दर्ज करने के लिए वन-टाइम पासवर्ड के जरिए सत्यापन की व्यवस्था की गई है, जिससे प्रक्रिया सुरक्षित और प्रमाणिक बनती है.
शिकायत दर्ज होने के बाद प्रत्येक मामले के लिए एक विशिष्ट संदर्भ संख्या जारी की जाती है. इसके साथ ही शिकायतकर्ता को एक ई-प्राप्ति रसीद भी उपलब्ध कराई जाती है, जो पंजीकरण की पुष्टि करती है और भविष्य में फॉलो-अप के लिए सहायक होती है.
इस व्यवस्था के जरिए शिकायतकर्ता वास्तविक समय में अपनी शिकायत की प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित होती है.
कार्यालय के अनुसार, एक बार शिकायत पंजीकृत होने के बाद उसे स्वचालित रूप से महालेखाकार कार्यालय के संबंधित अनुभाग को भेज दिया जाता है. इससे मामलों पर समय पर ध्यान देने और उनके निवारण की प्रक्रिया तेज होने की उम्मीद है.
नागरिक अपने मोबाइल नंबर और दी गई संदर्भ संख्या के माध्यम से पोर्टल पर लॉग इन कर शिकायत की वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
महालेखाकार कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक शिकायत पर परिश्रम और प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, मामलों की प्रकृति और जटिलता के आधार पर शिकायतों के निपटारे में अधिकतम 30 कार्य दिवस तक का समय लग सकता है. नागरिकों से इस अवधि के दौरान धैर्य बनाए रखने की अपील की गई है.
यह डिजिटल शिकायत निवारण प्रणाली सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग की दिशा में कार्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
कागजी प्रक्रिया को कम करने, ऑनलाइन ट्रैकिंग को सक्षम बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से समाधान पोर्टल को विकसित किया गया है. इसका लक्ष्य न केवल शीघ्र निवारण सुनिश्चित करना है, बल्कि नागरिकों के विश्वास को मजबूत करते हुए उन्हें अधिक सशक्त बनाना भी है.
प्रधान महालेखाकार (ए एंड ई), झारखंड ने सभी हितधारकों और नागरिकों से अपील की है कि वे इस मंच का अधिक से अधिक उपयोग करें और एक सरल, प्रभावी व जवाबदेह शिकायत निवारण अनुभव का लाभ उठाएं.
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