Ranchi: समृद्धि इन्फॉर्मेटिक्स प्रा लि (SIPL), झारखंड की एक रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी ने अपने नए कंप्यूटर ऑफिस की शुरुआत की और उन्नत ड्रोन तकनीक का अनावरण किया.
इस अवसर पर कंपनी ने बताया कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत राज्य में रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. कंपनी का कहना है कि झारखंड को भारत का प्रमुख रक्षा प्रौद्योगिकी हब बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
कंपनी का उद्देश्य ड्रोन अनुसंधान, उत्पादन, डिजाइन और बड़े पैमाने पर निर्माण करना है ताकि भारत में ही सभी पुर्जे तैयार किए जा सकें. झारखंड के युवाओं को नई तकनीक से जोड़ने और रोजगार देने के लिए SIPL ने 25 एकड़ का मेगा ड्रोन सिटी योजना शुरू करने की घोषणा की है. यह परियोजना भारत के सबसे बड़े ड्रोन हब में से एक होगी और लगभग 8,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगी.
कंपनी ने बताया कि इसके अंतर्गत RPTO यानी रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन शुरू किया जाएगा. इसके अलावा ड्रोन डिजाइन से लेकर उत्पादन, सुरक्षा, कृषि, खनन और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा.
कंपनी ने दावा किया कि उनके पास आधुनिक काउंटर-ड्रोन सिस्टम, जीपीएस स्क्रैम्बलिंग, एंटी-ड्रोन लेजर और पोर्टेबल जैमिंग गन जैसी उन्नत तकनीकें मौजूद हैं. इन तकनीकों का उपयोग रक्षा और सुरक्षा के साथ स्मार्ट कृषि, खनन, जंगल और वन्यजीव निगरानी में भी किया जाएगा.
कंपनी के सीईओ उत्तम त्रिपाठी ने कहा कि झारखंड को ड्रोन प्रौद्योगिकी का हब बनाने से राज्य के युवाओं को नई संभावनाएं मिलेंगी और राज्य की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगी. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने में यह कदम अहम भूमिका निभाएगा.
संजय सेठ ने कहा, झारखंड के अंदर MSME सेक्टर लगातार बढ़ रहे हैं, और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का जो संकल्प है भारत को आत्मनिर्भर बनाए जाने का, स्वदेशी के उपयोग और उससे प्रेरणा पाकर देश के हजारों-हजार MSME सेक्टर देश को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार साबित हो रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा, यह स्टार्टअप अपने राज्य और देश की डिफेंस व्यवस्था को मजबूत करने में काफी कारगर साबित होगा, रोजगार बढ़ेंगे, और भारत के किसान भी अब टेक्नोलॉजी की मदद से ड्रोन के माध्यम से खाद का छिड़काव कर सकते हैं.
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