Ranchi : झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया है कि हेमंत सरकार के कार्यकाल में एशिया के सबसे बड़े साल वन (सारंडा जंगल) का आयरन ओर का माफियाओं ने जमकर दोहन किया, जिससे पूरे क्षेत्र का पर्यावरण संतुलन बिगड़ गया. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सरकार की नींद टूटी है और सारंडा को अभयारण्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि करीब 82,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला यह जंगल कभी 300 से अधिक पौधों और 253 हाथियों की प्रजातियों का घर था, लेकिन खनन माफियाओं की लूट से स्थिति भयावह हो गई. अब मुश्किल से 87 पौधों की प्रजातियां, 116 पक्षी और हाथियों का परंपरागत रास्ता ही बचा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि खनन से नदियां-झरने लाल पानी बहा रहे हैं, आदिवासी इलाके में बीमारियां बढ़ी हैं और गर्मी की लहरों की मार तेज हो गई है. एक आयोग की रिपोर्ट में 22,000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन का खुलासा हुआ है.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हेमंत सरकार ने जानबूझकर खनन कंपनियों और माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी की. उन्होंने मांग की कि सारंडा जंगल में हुए अवैध खनन की उच्चस्तरीय जांच हो, दोषियों पर कार्रवाई की जाए और इस क्षेत्र को वास्तविक रूप से ‘नो-गो जोन’ घोषित किया जाए.
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