Search

SC ने कहा, SIR के नियम सख्त नहीं, कोई एक दस्तावेज जरूरी है, सिंघवी ने दलील दी, यह वोटरों के नाम काटने वाला कदम

New Delhi :  बिहार वोटर लिस्ट रीविजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच के आज बुधवार को भी सुनवाई जारी रही. कोर्ट ने टिप्पणी की कि SIR के नियम सख्त नहीं है. कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी है.

 

इस पर विपक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि SIR से हमें कोई आपत्ति नहीं है,,लेकिन ये चुनाव से ठीक पहले ही क्यों किया जा रहा है. सिंघवी ने कहा कि जुलाई में(चुनावी साल में) इस तरह के SIR अभ्यास के साथ आने की जरूरत क्या है?    

 


जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि चुनाव आयोग ने अपन् प्रेस नोट में साफ किया है कि SIR की प्रक्रिया किस तरीके से निभायी जायेगी. कहा कि कानून में कोई रोक नहीं है कि किसी भी उम्र का  कोई व्यक्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करे.

 

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि एसआईआर में दस्तावेज़ों की संख्या ज़्यादा हो सकती है. लेकिन बिहार में इनका कवरेज न्यूनतम है.  इसलिए इन्हें निकाला किया जा रहा है. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि बिहार को इस संदर्भ में पेश न करें. कहा कि आईएएस के मामले में सबसे ज़्यादा प्रतिनिधित्व इसी राज्य का है.  

 

 

 सिंघवी ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि बिहार से बेहद प्रतिभाशाली वैज्ञानिक वगैरह आते हैं, लेकिन यह एक खास वर्ग के लोगों तक ही सीमित है. कहा कि बिहार में ग्रामीण इलाके हैं,  बाढ़ग्रस्त इलाके हैं. लोग गरीबी से त्रस्त हैं. ऐसे में उनके लिए 11 दस्तावेज़ों की सूची बनाने का क्या अर्थ है?

 

 

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया एसआईआर में दस्तावेज़ों की संख्या ज़्यादा हो सकती है. लेकिन बिहार में इनका कवरेज न्यूनतम है और इसलिए इन्हें बहिष्कृत किया जा रहा है. इस पर जस्टिस सूर्यकांत नेकहा कि पहले 7 दस्तावेज मान्य थे, अब 11 हैं. लोगों के पास विकल्प ब़ढ़ गये हैं.

 

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा,  अगर चुनाव आयोग कहता है कि सभी 11 दस्तावेज जरूरी हैं, तो यह एंटी-वोटर कदम होगा.  अगर यह कहा जाता है कि 11 विश्वसनीय दस्तावेजों में से कोई भी दें तो... जजों की टिप्पणियों के बाद याचिकाकर्ताओं के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस की टिप्पणी पर कहा कि वह उनसे असहमत हैं,

 

उन्होंने SIR  को वोटरों के नाम काटने वाला कदम करार दिया  सिंघवी ने कहा कि EPIC कार्ड सबसे अच्छा पहचान पत्र है, दूसरा आधार है. इससे बेहतर कार्ड और क्या हो सकते हैं? मजेदार बात यह है कि चुनाव आयोग इससे सहमत नजर नहीं आता.  

   

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें 
 
 

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp