London : चिकित्सा के क्षेत्र से किडनी के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर आयी है. कनाडा और चीन के वैज्ञानिकों ने एक यूनिवर्सल किडनी बनाई है, जो किसी भी ब्लड टाइप वाले मरीज में ट्रांसप्लांट की जा सकती है. इन वैज्ञानिकों ने 10 साल की मेहनत के बाद यूनिवर्सल किडनी बनाने में सफलता पायी है
दरअसल मौजूदा समय में किडनी ट्रांसप्लांट एक बड़ी समस्या है. डोनर की किडनी रिसीवर के ब्लड ग्रुप से मैच करेगी तभी ट्रांसप्लांट संभव है. अहम बात यह है कि O टाइप का ब्लड यूनिवर्सल डोनर है. यह किसी भी ग्रुप (A, B, AB, O) वाले को दिया जा सकता है. लेकिन O टाइप की किडनियां कम हैं. यह सभी मरीजों के लिए इस्तेमाल की जा सकती है.
यूनिवर्सल किडनी के बारे में जानकारी आयी है कि यह किडनी O टाइप जैसी है, यह किसी भी ब्लड ग्रुप वाले मरीज को ट्रांसप्लांट की जा सकती है. खबर है कि अपने प्रयोग ने वैज्ञानिकों ने A टाइप की किडनी को O टाइप में बदल दिया.
कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के बायोकेमिस्ट स्टीफन विथर्स ने बताया कि पहली बार इंसानी बॉडी में यूनिवर्सल किडनी का टेस्ट किया गया. यह किडनी ब्रेन-डेड (मस्तिष्क मृत) व्यक्ति के बॉडी में कई दिनों तक काम करती रही. हमने परिवार की सहमति से रिसर्च किया.
बता दें कि किडनी के मरीजों के लिए वेटिंग लिस्ट लंबी है. इसमें आधे से ज्यादा लोगों को O टाइप किडनी का इंतजार रहता है. अमेरिका में हर दिन 11 लोगों की मौत किडनी नही मिलने से हो जाती है. भारत का बात करें तो लाखों मरीज डायलिसिस पर जिंदा हैं. अगर अलग ब्लड ग्रुप की किडनी ट्रांसप्लांट की जाये तो शरीर उसे विदेशी समझकर रिजेक्ट कर देता है.
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