Ranchi: झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर है. 2 अगस्त को अपने आवास पर गिरने के बाद उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. 15 अगस्त की देर रात उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली.
रामदास सोरेन झारखंड आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले एक प्रमुख नेता थे. उनकी सादगी, जनसेवा और शिक्षा के प्रति समर्पण ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया. रामदास सोरेन के निधन की खबर ने उनके गृह क्षेत्र घाटशिला और जमशेदपुर में शोक की लहर पैदा कर दी है.
उनके समर्थक और स्थानीय लोग उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी उनकी सादगी और जनता के प्रति समर्पण की कहानियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी: रामदास सोरेन को एक सरल स्वभाव के, कर्मठ और जनसेवा के प्रति पूर्णतः समर्पित नेता बताया. उन्होंने कहा कि उनकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास: रामदास सोरेन के निधन पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि कोल्हान क्षेत्र और पूर्वी सिंहभूम जिला को अपूरणीय क्षति हुई है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा: रामदास सोरेन के साथ अपने पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को याद करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व सौम्य और प्रेरणादायक था.
चंपाई सोरेन: एक पुराने झारखंड आंदोलनकारी साथी को खोने का दुख व्यक्त किया.
बीजेपी नेता सीपी सिंह: झारखंड को एक के बाद एक नेता खोने का दुख जताते हुए कहा कि पता नहीं झारखंड को क्या ग्रहण लग गया है.
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