Seraikela: राजनगर प्रखंड अंतर्गत गेंगेरुली पंचायत भवन में शुक्रवार को ग्रामसभा का आयोजन किया गया, जिसमें कुड़मि समुदाय की भाषा को लेकर व्यापक चर्चा हुई. ग्रामसभा में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे, जिन्होंने भाषा को अपनी सांस्कृतिक पहचान से जोड़ते हुए कुड़मालि शब्द को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
भाषा को संरक्षित करना और नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी
ग्रामीणों ने कहा कि लंबे समय से कुरमाली शब्द का उपयोग हो रहा है, लेकिन यह उनके इतिहास, परंपरा और समाज की असली पहचान को स्पष्ट नहीं कर पा रहा. इसलिए समाज में जागरूकता लाने के साथ-साथ इसे बदलकर कुड़मालि शब्द अपनाने का आग्रह किया गया. ग्रामीणों ने इसे समाज की संस्कृति, भाषा और गौरव को आगे बढ़ाने का सही कदम बताया. बैठक में यह भी चर्चा हुई कि भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं, बल्कि समाज की परंपरा, लोकगीत, रीति-रिवाज और सामूहिक स्मृति का हिस्सा है. इसलिए इसे संरक्षित करना और नई पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी है. ग्रामीणों ने कहा कि भाषा संरक्षण से समाज में एकता, आत्मगौरव और सांस्कृतिक मजबूती आएगी.
प्रखंड की 21 पंचायतों में सकारात्मक समर्थन
जानकारी के अनुसार, राजनगर प्रखंड की 21 पंचायतों में इस पहल को लेकर सकारात्मक समर्थन मिल रहा है. कई पंचायतों के प्रतिनिधियों ने भी बताया कि वे समाज में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाएंगे ताकि भाषा के प्रति लोगों में गर्व और जिम्मेदारी की भावना बढ़े. इस मौके पर ग्रामसभा में दिलीप महतो, मुकेश महतो, छोटूलाल महतो सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे. सभी ने समाज की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का संकल्प लिया.
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