Ranchi : सात साल गुजर जाने के बाद भी झारखंड के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में छात्र संघ के चुनाव नहीं हुए हैं. आखिरी बार वर्ष 2019 में छात्र संघ चुनाव कराये गये थे, उसके बाद से यह प्रक्रिया ठप पड़ी है. इससे न केवल छात्रों की आवाज कमजोर हुई है, बल्कि विश्वविद्यालयों में छात्रों से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी ठहर सा गया है.
विधानसभा ने मांगा जवाब
झारखंड विधानसभा ने इस मुद्दे पर विश्वविद्यालयों से जवाब मांगा है. विधानसभा सचिवालय ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजकर यह पूछा है कि सात वर्षों से छात्र संघ चुनाव क्यों नहीं कराये गये? साथ ही यह भी जानकारी मांगी गयी है कि विश्वविद्यालयों में सिंडिकेट का पूर्ण गठन हुआ है या नहीं.
छात्र संगठनों की नाराजगी
छात्र संगठनों में गहरी नाराजगी है. उनका तर्क है कि बिना वैध जनादेश के किसी भी छात्र प्रतिनिधि को अधिकार देना न केवल अनुचित है, बल्कि छात्रों के अधिकारों का हनन भी है.
विश्वविद्यालय प्रबंधन का तर्क
विश्वविद्यालयों का कहना है कि जब तक नामांकन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, छात्र संघ चुनाव कराना संभव नहीं है. रांची विश्वविद्यालय और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की ओर से संकेत दिये गये हैं कि इस शैक्षणिक सत्र में नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद छात्र संघ चुनाव कराये जा सकते हैं.
छात्र संघों की भूमिका
छात्र संघ, किसी भी विश्वविद्यालय में छात्रों की सबसे सशक्त प्रतिनिधि इकाई होती है. यह न केवल विश्वविद्यालय प्रबंधन से छात्रों की समस्याओं को उठाने का मंच प्रदान करता है बल्कि विद्यार्थियों को नेतृत्व, संवाद और समाधान के रास्ते भी सिखाता है.