केयू के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से किया सम्मानित
Chaibasa : झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में नियमित शैक्षणिक सत्र सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि विश्वविद्यालयों में प्रोफेसरों की कमी है, जिसे जल्द दूर किया जाएगा. इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया तेज की जा रही है. राज्यपाल बुधवार को कोल्हान विश्वविद्यालय (केयू), चाईबासा के छठे दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.
इस मौके पर उन्होंने गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानिता किया. कहा कि उच्च शिक्षा के बाद समाज को नई दिशा देने की जिम्मेदारी भी आप पर है. उन्होंने छात्रों को नई जिम्मेदारियों का पाठ पढ़ाया और उन्हें भविष्य में देश और समाज के लिए योगदान देने के लिए प्रेरित किया. कोल्हान की चर्चा करते हुए कहा कि क्षेत्र की सामाजिक परंपरा, जनजातीय संस्कृति, सामुदायिक जीवन और सम्मान की भावना पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है.
कौशल व नवाचार को नई दिशा दी जा रही
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ कौशल व नवाचार को नई दिशा दी जा रही है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपरा, कौशल और रोजगार आधारित शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि कोल्हान विवि इस नीति की संकल्पनाओं को सार्थक करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा. विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह केवल उपाधि प्राप्त करने का अवसर नहीं होता, बल्कि जिम्मेदारियों के नए अध्याय की शुरुआत भी है. शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल डिग्री पाना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और समाज व राष्ट्र के प्रति संवेदनशीलता विकसित करना है.
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से उद्योगों, अनुसंधान संस्थानों और स्थानीय उद्यमियों के साथ साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि विद्यार्थियों को कैंपस सिलेक्शन के अधिक अवसर मिल सकें. शिक्षकों की भूमिका पर बोलते हुए कहा कि शिक्षक समाज और राष्ट्र के निर्माता होते हैं. इसलिए शिक्षण कार्य केवल पठन-पाठन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में भी उनका योगदान अनिवार्य है. समारोह में सत्र 2021 से 2024 तक के गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों को मेडल, प्रमाणपत्र और उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया गया.
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