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बाल श्रम निषेध दिवस पर चला हस्ताक्षर अभियान, बच्चों ने जगाई सामाजिक चेतना

Ranchi: अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन के तत्वावधान में बाल अधिकार संगठन द्वारा गुरुवार को संत जेवियर कॉलेज के पास जागरूकता हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया. इस अभियान का उद्देश्य समाज को बाल श्रम के खिलाफ जागरूक करना और देश को बाल श्रम मुक्त बनाने की दिशा में सार्थक पहल करना था.


रांची में 2,287 बच्चे बाल श्रम के शिकार – सिस्टर अंशु लकड़ा


इस अवसर पर सिस्टर अंशु लकड़ा ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 1.01 करोड़ से अधिक बाल श्रमिक हैं, जिनमें से अकेले रांची में 2,287 बच्चे बाल श्रम के चक्र में फंसे हुए हैं. यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है, क्योंकि बाल श्रम एक कानूनी अपराध है, लेकिन इसके खिलाफ समाज का रवैया अब भी उदासीन है.


अभियान के दौरान वक्ताओं ने कहा कि बचपन का समय शिक्षा, खेल और समग्र विकास के लिए होता है, न कि मजदूरी के लिए. बच्चों से काम करवाना न केवल उनके भविष्य के साथ अन्याय है, बल्कि यह समाज के समग्र विकास में भी बाधक है.


अभियान में समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी


इस अवसर पर सिस्टर अंशु लकड़ा, रीना किस्पोट्टा, रेणुका केरकेट्टा, ज्योति तिर्की, आशा तिर्की और रोहित लिंडा समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे. सभी ने हस्ताक्षर कर यह संकल्प लिया कि वे बाल श्रम के खिलाफ जागरूकता फैलाएंगे और बच्चों को उनका निर्दोष और सुरक्षित बचपन लौटाने की दिशा में कार्य करेंगे.