Ranchi : विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर तथा सिरम टोली फ्लाईओवर के उद्घाटन अवसर पर डोरंडा स्थित फॉरेस्ट ऑफिस कॉम्प्लेक्स में आज गुरुवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री संजय प्रसाद यादव, सुदीप कुमार सोनू, नेहा शिल्पी तिर्की, विधायक अमित महतो, विधायक सुरेश बैठा, राज्यसभा सांसद महुआ मांझी, मुख्य सचिव अलका तिवारी, डीजीपी अनुराग गुप्ता, रांची डीसी मंजूनाथ भजंत्री, रांची डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की.
हेमंत सोरेन ने कहा कि आज हम सभी विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर यहां एकत्रित हुए हैं. साथ ही राजधानी रांची को सिरम टोली फ्लाईओवर समर्पित करने का यह अवसर भी हमारे लिए गर्व का विषय है. पर्यावरण को लेकर कहा कि आज यह पूरी मानव जाति, जीव-जंतु और पूरे जीवन तंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि जंगलों में रहने वाले पशु-पक्षी अब गांवों और शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, क्योंकि उनके प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं. यह एक गंभीर संकेत है कि जब किसी का घर उजड़ता है, तो वह नयी जगह की तलाश करता है, चाहे वह जानवर हो या इंसान.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि झारखंड का लगभग 70% हिस्सा वन भूमि है. हमें इस धरोहर को सहेजना होगा ताकि हमारी भावी पीढ़ियां सुरक्षित रह सकें. पेड़-पौधे बचेंगे, तभी हम भी बच पाएंगे. उन्होंने कहा कि कई राज्यों में पर्यावरणीय असंतुलन के कारण गंभीर बीमारियां फैल रही हैं.
सीएम ने बताया कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए विभिन्न प्रयोग कर रही है. आज हम देख रहे हैं कि हमारे मंच पर सभी अतिथियों का स्वागत पौधे देकर किया गया है. पहले की सरकारें गुलदस्ते देती थीं, लेकिन हमने यह परंपरा बदली है. हमने एक व्यक्ति, एक पेड़ का संकल्प लिया है. हम पूरे जंगल की बात नहीं कर रहे, सिर्फ एक पेड़ लगाकर देखें, बड़ा बदलाव आएगा.
प्लास्टिक प्रदूषण पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, आज प्लास्टिक से निपटने के लिए देशव्यापी अभियान चल रहा है. क्या हम यह नहीं सोच सकते कि जब प्लास्टिक नहीं था तब भी हम जी रहे थे? गांवों में लोग गमछा, लूंगी, धोती या साड़ी का इस्तेमाल करते थे, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते थे. लेकिन आज एक छोटा-सा प्लास्टिक बैग भी जीवन के लिए खतरा बन चुका है. झारखंड की स्थिति ना बिगड़े, इसके लिए हमारी सरकार आवश्यक कानून और नियम बना रही है.
मुख्यमंत्री ने ‘मंईया सम्मान योजना का भी उल्लेख किया, जिसके तहत महिलाओं के खातों में सीधे पैसे भेजे जा रहे है. उन्होंने कहा कि गांव आज शहरों से बेहतर हैं, शहरों में समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. इसी के चलते हमें फ्लाईओवर, अंडरपास आदि बनाने पड़ते हैं.
फ्लाईओवर के नामकरण पर उन्होंने कहा, झारखंड वीरों की भूमि रही है. यहां ऐसे अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया जिन्होंने संविधान निर्माण में भी भूमिका निभाई. इन्हीं में एक हैं कार्तिक उरांव जी. इसलिए इस फ्लाईओवर का नाम कार्तिक उरांव फ्लाईओवर रखा जाएगा. यह नाम सरकार से विधिवत अनुमोदित कराया जाएगा और फ्लाईओवर पर उनके सम्मान में एक विशिष्ट स्थान भी सुनिश्चित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा, राजनीति का अर्थ यह नहीं कि सत्ता की लालसा में हम किसी के भी साथ अन्याय करें. यह हमारी सरकार में नहीं हो सकता. हम सबकी संस्कृति, जीवनशैली और विचारधारा अलग है, लेकिन उनसे अच्छी चीज़ें लेकर झारखंड को आगे बढ़ाना हमारा संकल्प है.