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चाबहार बंदरगाह पर लागू अमेरिकी प्रतिबंधों से छह महीने की छूट मिली : विदेश मंत्रालय

New Delhi :  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज गुरुवार को चाबहार(ईरान) बंदरगाह के संदर्भ में बताया कि चाबहार पर लागू अमेरिकी प्रतिबंधों से छह महीने की छूट हमें मिल गयी है.

 

 

 

बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल ईरान के साथ 10 साल का एक डील की थी. इसके तहत सरकारी कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) ने भारत के लिए चाबहार बंदरगाह में 37 करोड़ डॉलर के निवेश का वादा किया था.

 

यह पोर्ट भारत के लिए बेहद अहम माना जाता है. दरअसल  यह पाकिस्तान को बाईपास करते हुए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक सीधा व्यापार रास्ता उपलब्ध कराता है. 

 


अमेरिका ने पहले ईरान से जुड़े पोर्ट पर प्रतिबंध छूट रद्द करने की समयसीमा 29 सितंबर तय की थी, लेकिन अब इसे 6 महीनों के लिए बढ़ा दिया गया है. भारत ईरान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान जैसे देशों तक माल पहुंचाने के लिए चाबहार बंदरगाह पर एक टर्मिनल विकसित किया जा रहा है.

 

रणधीर जायसवाल ने भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर कहा, भारत व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिकी पक्ष के साथ बातचीत जारी रखेगा. उन्होंने बताया कि कुछ भारतीय कंपनियों को चीन से दुर्लभ पृथ्वी चुम्बकों(रेयर अर्थ) के आयात के लिए लाइसेंस प्राप्त हुए हैं.

 

रणधीर जायसवाल ने कहा  भारत  अफगानिस्तान को उसके सतत जल प्रबंधन में, जिसमें जलविद्युत परियोजनाएं भी शामिल हैं, सहायता देने के लिए तैयार है.  दोनों देशों के बीच सहयोग का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसमें सलमा बांध भी शामिल है, जिसे आज भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध कहा जाता है.

 

रणधीर जायसवाल ने अफगानिस्तान के साथ सीमा तनाव और सीमा पार आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की.  विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान इस बात से नाराज़ है कि अफ़ग़ानिस्तान अपने ही क्षेत्रों पर संप्रभुता का प्रयोग कर रहा है.

 

रणधीर जायसवाल ने कहा  कि पाकिस्तान को लगता है कि उसे सीमा पार आतंकवाद को अंजाम देने का अधिकार है.यह कतई अस्वीकार्य है. कहा कि भारत अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.  

 

अमेरिका से भारतीयों को वापस भेजे जाने की खबरों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, इस साल जनवरी से अब तक 2790 से ज़्यादा भारतीय नागरिक अवैध रूप से वहाँ रह रहे थे.  हमने उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की. वे वापस लौट आये. ब्रिटेन द्वारा इस साल लगभग 100 भारतीय नागरिकों कोराष्ट्रीयता की पुष्टि के बाद वापस भेजा गया है. 
 

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