निदेशालय ने money laundering मामले में एनसीपी नेता और मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार किया
गुजरात के छोटे उद्योगों के नाम पर कोल इंडिया की खदानों से 60 लाख टन कोयला भेजा गया
जान लें कि गुजरात के व्यापारियों, छोटे उद्योगों के नाम पर कोल इंडिया की खदानों से 60 लाख टन कोयला भेजा गया,. जिसकी औसत कीमत तीन हजार रुपए प्रति टन के हिसाब से 1,800 करोड़ रुपए होती है. लेकिन इसे व्यापारियों और उद्योगों तक नहीं पहुंचाया गया. जानकारी के अनुसार इसे 8 से 10 हजार रुपए प्रति टन की कीमत पर दूसरे राज्यों में बेचकर घोटाला किया गया. इसे भी पढ़ें : ऑफलाइन">https://lagatar.in/10th-12th-board-exam-will-be-offline-supreme-court-dismisses-petition-to-ban/">ऑफलाइनहोगी 10वीं, 12 वीं की बोर्ड परीक्षा, रोक लगाने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
राज्य सरकार का उद्योग विभाग एजेंसियों की नियुक्ति करता है
केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल जैन से जब इस घोटाले को लेकर सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि राज्य सरकार जिन एजेंसियों को नियुक्त करती है, उन्हें कोयला दिया जाता है. इसके बाद हमारी उसमें कोई भूमिका नहीं होती. कोल इंडिया के निदेशक सत्येंद्र तिवारी का जवाब था कि राज्य सरकार का उद्योग विभाग एजेंसियों की नियुक्ति करता है. कोयले की सप्लाई को लेकर गुजरात सरकार को कोल इंडिया के पास जानकारी भेजनी होती है. इसे भी पढ़ें : चारा">https://lagatar.in/big-disclosure-in-fodder-scam-at-whose-behest-did-shivanand-tiwari-file-fir-against-lalu-what-was-the-purpose/">चाराघोटाला में बड़ा खुलासा, किसके कहने पर शिवानंद तिवारी ने किया था लालू के खिलाफ FIR? क्या था मकसद?

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