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गुजरात में छह हजार करोड़ का कोयला घोटाला !  60 लाख टन कोयला बीच रास्ते से हुआ गायब, दूसरे राज्यों में बेचा गया

 Ahmedabad : गुजरात में छह हजार करोड़ रुपये का कोयला घोटाला सामने आया है. आरोप है कि कई एजेंसियों ने राज्य की स्मॉल और मीडियम लेवल इंडस्ट्रीज को पिछले 14 साल में कोयला देने के बजाय दूसरे राज्य के उद्योगों को अधिक कीमत पर बेचा. सूत्रों के अनुसार 5 हजार से 6 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है. खबरों के अनुसार कोल इंडिया की विभिन्न कोयला खदानों से जिन उद्योगों के लिए कोयला निकाला गया, वो उन तक नहीं पहुंचा. वह रास्ते से में ही गायब कर दिया गया. एक रिपोर्ट के अनुसार  इस घपलेबाजी को लेकर जब सरकारी विभाग के अधिकारियों, कोयला ट्रांसपोर्ट सिस्टम से जुड़े अधिकारियों से जानकारी मांगी गयी तो उन लोगों ने  चुप्पी साध ली. इसे भी पढ़ें : प्रवर्तन">https://lagatar.in/enforcement-directorate-arrests-ncp-leader-and-minister-nawab-malik-in-money-laundering-case/">प्रवर्तन

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गुजरात के छोटे उद्योगों के नाम पर कोल इंडिया की खदानों से 60 लाख टन कोयला भेजा गया

जान लें कि गुजरात के व्यापारियों, छोटे उद्योगों के नाम पर कोल इंडिया की खदानों से 60 लाख टन कोयला भेजा गया,. जिसकी औसत कीमत तीन हजार रुपए प्रति टन के हिसाब से 1,800 करोड़ रुपए  होती है. लेकिन इसे व्यापारियों और उद्योगों तक नहीं पहुंचाया गया. जानकारी के अनुसार इसे 8 से 10 हजार रुपए प्रति टन की कीमत पर दूसरे राज्यों में बेचकर घोटाला किया गया. इसे भी पढ़ें :  ऑफलाइन">https://lagatar.in/10th-12th-board-exam-will-be-offline-supreme-court-dismisses-petition-to-ban/">ऑफलाइन

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राज्य सरकार का उद्योग विभाग एजेंसियों की नियुक्ति करता है

केंद्र सरकार के कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल जैन से जब इस  घोटाले को लेकर सवाल किया गया तो उनका जवाब था  कि राज्य सरकार जिन एजेंसियों को नियुक्त करती है, उन्हें कोयला दिया जाता है. इसके बाद हमारी उसमें कोई भूमिका नहीं होती. कोल इंडिया के निदेशक सत्येंद्र तिवारी का जवाब था कि राज्य सरकार का उद्योग विभाग एजेंसियों की नियुक्ति करता है. कोयले की सप्लाई को लेकर गुजरात सरकार को कोल इंडिया के पास जानकारी भेजनी होती है. इसे भी पढ़ें :  चारा">https://lagatar.in/big-disclosure-in-fodder-scam-at-whose-behest-did-shivanand-tiwari-file-fir-against-lalu-what-was-the-purpose/">चारा

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जिन उद्योगों के नाम पर कोयला निकाला गया, वहां तक पहुंचाया नहीं गया

इसमें लाभार्थी उद्योगों की सूची, आवश्यक कोयले की मात्रा और जिस एजेंसी को भेजा जाना होता है, उसका नाम शामिल होता है. लेकिन आरोप के अनुसार इस कालाबाजारी को लेकर जानकारी मिली है कि कोल इंडिया को इससे संबंधित झूठी सूचना भेजी गयी.  दस्तावजों में जिन उद्योगों के नाम पर कोयला निकाला गया, वहां तक पहुंचाया नहीं गया. यहां तक कि कई एजेंसियों का पता भी गलत लिखा हुआ है. आशंका जताई गयी है  कि घोटाले में गुजरात सरकार के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं. [wpse_comments_template]

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