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मोदी सरकार पर हमलावर हुई सोनिया गांधी, कहा, मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया, गरीबों की रोजी-रोटी छीन ली

New Delhi :   मनरेगा कानून में बदलाव किये पर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है. सभी राजनीतिक दल  मोदी सरकार पर हमलावर हैं. वे महात्मा गांधी का नाम मिटाने और राज्य सरकारों पर आर्थिक बोझ डालने का आरोप लगा रहे हैं.

 

 

नामकरण सहित अन्य बदलावों को लेकर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. सोनिया गांधी ने कहा कि जबसे मोदी सरकार आयी है, मनरेगा को लगातार कमजोर करने की कोशिश की है.

 

सोनिया गांधी ने याद दिलाया कि कोविड के कठिन समय में मनरेगा  योजना गरीबों के लिए संजीवनी बन कर उभरी. लेकिन मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया. महात्मा गांधी का नाम हटा दिया. बिना किसी से सलाह-मशवरा किये, विपक्ष को विश्वास में लिये बिना कानून बदल दिया. 

 

सोनिया गांधी ने कहा कि नये कानून के तहत दिल्ली से अब यह तय होगा कि किसे, कहां और कितना रोजगार दिया जायेगा. कहा कि मनरेगा किसी एक पार्टी की नहीं, वरन् देश और जनता के हित की योजना थी. सरकार ने   बदलाव कर देश के करोड़ों किसानों, मजदूरों और भूमिहीन ग्रामीणों पर हमला किया है.
 


सोनिया ने याद दिलाया कि 20 साल पहले डॉ मनमोहन सिंह के कार्यकाल में संसद में आम सहमति से मनरेगा कानून पास किया गया था. सोनिया गांधी ने इसे क्रांतिकारी कदम करार देते हुए कहा, मनरेगा से करोड़ों ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिला. गरीबों के लिए यह रोजी-रोटी का बड़ा साधन था.   

 

सोनिया गांधी का कहना था कि मनरेगा के कारण गांवों से शहरों की ओर होने वाला पलायन रुका. इससे रोजगार का कानूनी अधिकार मिला. ग्राम पंचायतें मजबूत हुईं  

 

सोनिया गांधी ने कहा, 20 साल पहले अपने गरीब भाई-बहनों को रोजगार का अधिकार दिलवाने के लिए मैं भी लड़ी थी, आज भी इस काले कानून के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मेरी तरह कांग्रेस के सभी नेता और लाखों कार्यकर्ता आपके साथ खड़े हैं. इस हमले का मुकाबला करने के लिए हम सब तैयार हैं.

 

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