Ranchi : झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूजे) के हिंदी विभाग में आज शिक्षक, भाषा और भारतेंदु विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह आयोजन शिक्षक दिवस, हिंदी दिवस और भारतेंदु हरिश्चंद्र जयंती के संयुक्त उपलक्ष्य में किया गया. कार्यक्रम का संचालन हिंदी साहित्य सभा की छात्र इकाई ने किया जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भारतेंदु हरिश्चंद्र की चर्चित रचना ‘अंधेर नगरी’ के बाजार दृश्य का प्रभावशाली मंचन किया. इसके अलावा कबीर के दोहों की संगीतमय प्रस्तुति, स्वरचित कविताएं, गीत और नृत्य के माध्यम से विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो रत्नेश विष्वक्सेन ने कहा हिंदी केवल एक भाषा नहीं बल्कि देश को एक सूत्र में बांधने वाला माध्यम है. भारतेंदु हरिश्चंद्र न केवल आधुनिक हिंदी के जनक हैं बल्कि वे सामाजिक चेतना और राष्ट्र निर्माण के भी महान शिक्षक रहे हैं.
उन्होंने एक शिक्षक की भूमिका को केवल शिक्षा तक सीमित न मानते हुए उसे समाज निर्माण का स्तंभ बताया.
- छात्रा निशा कुमारी ने गुरु-शिष्य परंपरा और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचारों पर प्रकाश डाला.
- डॉ निवेदिता प्रसाद ने भारतेंदु की रचनाओं के माध्यम से उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को समझने की प्रेरणा दी.
- डॉ रविरंजन कुमार और डॉ जगदीश सौरभ ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए हिंदी के प्रति प्रेम और निष्ठा बनाए रखने की बात कही.
कार्यक्रम का संचालन साक्षी पांडेय ने किया और धन्यवाद ज्ञापन कल्याणी कुमारी द्वारा दिया गया.
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