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बिना अनुमति नहीं चलेगी विशेष ट्रेन, TOD को लेकर रेलवे के सख्त नियम

Ranchi :  भारतीय रेलवे ने विशेष ट्रेनों यानी TOD (ट्रेन ऑन डिमांड) को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं. रेलवे बोर्ड ने कहा है कि अब कोई भी TOD ट्रेन बिना एन-रूट (रास्ते में पड़ने वाले) और अंतिम स्टेशन वाली रेलवे की अनुमति के घोषित या संचालित नहीं की जाएगी.

 

रेलवे बोर्ड के मुताबिक, कुछ जगहों पर बिना अनुमति TOD ट्रेनें चला दी गईं, जिससे ट्रेनें शुरुआती स्टेशन से ही देर से चलीं और यात्रियों की शिकायतें बढ़ीं. इसको देखते हुए सभी जोनल रेलवे को नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है. 

 

रेलवे के मुख्य निर्देश

- अनुमति जरूरी : एन-रूट और टर्मिनेटिंग रेलवे की सहमति के बिना TOD ट्रेन नहीं चलेगी.

- भीड़ का अनुमान पहले : त्योहार, परीक्षा और छुट्टियों में भीड़ पहले से अनुमानित होती है, इसलिए योजना समय पर बने.

- प्रस्तावों में देरी नहीं :  TOD से जुड़े प्रस्तावों का COIS पर जल्दी जवाब दिया जाए.

- निर्माण कार्य वाले रूट से बचें : जहां नॉन-इंटरलॉकिंग (NI) या अन्य काम चल रहे हों, वहां सामान्य तौर पर TOD न चलाई जाए.

- आपात स्थिति में ही छूट : अचानक भीड़ में कम समय होने पर फोन से अनुमति लेकर सिर्फ अनारक्षित ट्रेन चलाई जा सकती है.

- आरक्षित ट्रेन पर सख्ती :  किसी भी हाल में NOC के बिना आरक्षित TOD ट्रेन नहीं चलेगी.

 

TOD को लेकर नई व्यवस्था लागू

रेलवे ने TOD ट्रेनों को लेकर एक नई और सरल व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है. अब तक TOD अलग-अलग नामों से चलाई जाती थीं, जैसे RTOD, क्लोन ट्रेन, एक्स्ट्रा रश, त्योहार विशेष, जिससे रिकॉर्ड और प्रबंधन में परेशानी हो रही थी.

 

ऐसे में 28 फरवरी 2026 के बाद चलने वाली सभी मौजूदा TOD मंजूरियां अपने आप समाप्त हो जाएंगी और 1 मार्च 2026 के बाद TOD चलाने के लिए जोनल रेलवे को नई मंजूरी लेनी होगी. नई व्यवस्था के अनुसार, TOD के प्रस्ताव 7 दिनों के भीतर भेजने होंगे, ताकि समय पर मंजूरी मिल सके.

 

इस तरह होंगी TOD ट्रेनों की अलग-अलग श्रेणी

 मार्च : होली विशेष

15 अप्रैल से 15 जुलाई :  ग्रीष्मकालीन (समर)

अक्टूबर–नवंबर : पूजा विशेष

15 दिसंबर से 10 जनवरी :  शीतकालीन (विंटर)

अन्य समय : अतिरिक्त भीड़ (एक्स्ट्रा रश)

यात्रियों को फायदा

- ट्रेन योजना ज्यादा साफ और पारदर्शी होगी.

- त्योहारों में बेहतर व्यवस्था बनेगी.

- रेलवे का डेटा और प्रबंधन आसान होगा.

- जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ट्रेनें जल्दी चल सकेंगी. 

रेलवे का कहना है कि इन फैसलों से संचालन सुधरेगा और यात्रियों को समय पर बेहतर सुविधा मिलेगी.

 

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