Ranchi : विश्व एड्स दिवस 2025 के अवसर पर 1 दिसंबर को सदर अस्पताल रांची के ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा, IAS ने शामिल हुए और युवाओं से एचआईवी संक्रमण की रोकथाम के लिए अधिक से अधिक जागरुकता फैलाने की अपील की.
अभियान निदेशक ने कहा कि झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति लगातार एचआईवी की रोकथाम और जांच को लेकर विभिन्न कार्यक्रम चला रही है. उन्होंने कहा कि इन अभियानों से अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर उनकी एचआईवी जांच कराई जा सकती है, जिससे संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी.
उन्होंने रक्तदान अभियान का भी विशेष उल्लेख किया और युवाओं से बढ़-चढ़कर रक्तदान करने की अपील की ताकि राज्य में रक्त की कमी को दूर किया जा सके.
कार्यक्रम में शामिल राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. कमलेश प्रसाद ने कहा कि एचआईवी के कारणों और बचाव को लेकर आम लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि एचआईवी के साथ जीवन जी रहे लोगों के प्रति भेदभाव समाप्त होना चाहिए और उन्हें मुख्यधारा से जोड़कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
अपर परियोजना निदेशक डॉ. एस. एस. पासवान ने बताया कि झारखंड में वर्तमान में 65 आईसीटीसी केंद्रों के माध्यम से जांच और काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा राज्य में 13 एआरटी केंद्र संचालित हैं, जहां एचआईवी संक्रमित लोगों को मुफ्त इलाज और दवा उपलब्ध कराई जाती है. उन्होंने बताया कि सरकार एचआईवी संक्रमित लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कई योजनाओं का लाभ भी दे रही है.
सिविल सर्जन रांची डॉ. प्रभात कुमार ने नर्सिंग कॉलेजों और अन्य संस्थानों के छात्रों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों की सराहना की. उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच एड्स को लेकर बढ़ती जागरुकता यह संकेत देती है कि नियमित प्रयासों से इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है.
कार्यक्रम के दौरान सदर अस्पताल रांची और एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल जमशेदपुर को रक्तदान शिविर के सफल आयोजन के लिए सम्मानित किया गया. रिम्स रांची और एमजीएम जमशेदपुर के आईसीटीसी केंद्रों को बेहतर जांच सुविधा के लिए सम्मान मिला. एआरटी केंद्रों की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए भी एमजीएम और रिम्स को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में संत जेवियर कॉलेज रांची व कई नर्सिंग कॉलेजों के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से एचआईवी जागरुकता का संदेश दिया. नाटकों के माध्यम से एड्स से बचाव, भेदभाव कम करने और सुरक्षित व्यवहार अपनाने का संदेश प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया गया.
विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर 30 नवंबर को सदर अस्पताल से मिशन चौक तक कैंडल मार्च निकाला गया, जिसमें छात्रों ने भाग लेकर आम लोगों को एड्स और एचआईवी संक्रमण के खतरों के प्रति जागरूक किया.
कार्यक्रम में निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सिद्धार्थ सान्याल, DS सदर अस्पताल डॉ. विमलेश कुमार, संयुक्त निदेशक CST डॉ. बादल चंद्र भकत, संयुक्त निदेशक IEC रवि प्रकाश सिंह, उपनिदेशकों समेत स्वास्थ्य विभाग और एड्स नियंत्रण समिति के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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