Ranchi : नामकुम स्थित आईपीएच सभागार में राज्य स्तरीय पुरुष नसबंदी अभियान सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पुरुष नसबंदी जागरुकता रथ और डाक विभाग के वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह अभियान 20 दिसंबर 2025 तक चलेगा.

डॉ. अंसारी ने कहा कि परिवार नियोजन केवल जनसंख्या नियंत्रण का नहीं, बल्कि स्वस्थ परिवार और सुरक्षित मातृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम है. उन्होंने कहा कि पुरुषों की समान भागीदारी से ही यह प्रयास सफल हो सकता है.
उन्होंने समाज से अपील की कि इस अभियान को जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएं. मंत्री ने कहा कि परिवार नियोजन से हर बच्चे का जन्म योजना और तैयारी के साथ हो, और हर मां को सुरक्षित मातृत्व का अधिकार मिले, यही इसका लक्ष्य है.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि परिवार नियोजन की जिम्मेदारी अब सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं रहनी चाहिए. पुरुषों को भी समान रूप से इसमें भागीदारी करनी होगी. नसबंदी एक सुरक्षित, सरल और प्रभावी उपाय है और इसके प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करना जरूरी है.
उन्होंने समारोह में सम्मानित जिलों और स्वास्थ्य संस्थानों को बधाई दी और कहा कि जिन्होंने अब तक अपेक्षित प्रदर्शन नहीं किया है, वे भी पूरी लगन से प्रयास करें.
डॉ. अंसारी ने यह भी घोषणा की कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 8500 हेल्थ टेक्निकल और नॉन टेक्निकल कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि रांची सदर अस्पताल को राज्य का पहला एनएबीएल सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है, जो टीमवर्क और स्वास्थ्यकर्मियों के समर्पण का परिणाम है.
कार्यक्रम में भारतीय डाक विभाग, झारखंड परिमंडल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के बीच परिवार नियोजन सामग्रियों के परिवहन एवं वितरण हेतु MoU पर हस्ताक्षर किए गए. इसके तहत डाक विभाग अपने इंडिया पोस्ट पार्सल नेटवर्क के माध्यम से राज्यभर के स्वास्थ्य केंद्रों तक सामग्रियों की समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. इस पहल से स्वस्थ झारखंड, सुखी झारखंड के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी.
अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन केवल स्वास्थ्य का विषय नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति का आधार है. उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से झारखंड पुरुष सहभागिता आधारित परिवार नियोजन में आदर्श राज्य बनेगा.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने कहा कि राज्य की कुल प्रजनन दर (TFR) 3.5 से घटकर 2.3 और गर्भनिरोधक प्रचलन दर (CPR) 35.7 प्रतिशत से बढ़कर 61.7 प्रतिशत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अब पुरुषों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है, क्योंकि पुरुष नसबंदी सुरक्षित, सरल और प्रभावी उपाय है.
राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ. पुष्पा ने बताया कि झारखंड में परिवार नियोजन संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. Unmet Need घटकर 10 प्रतिशत रह गई है और अस्थायी विधियों के उपयोग में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि यह केवल स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं, बल्कि समानता और जिम्मेदारी का अभियान है.
कार्यक्रम में गर्भनिरोधक की नई विधियों MPA-SC और इम्प्लांट का शुभारंभ किया गया तथा सहिया के लिए तैयार वीडियो फिल्म का विमोचन हुआ. राज्यभर के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों और संस्थानों को सम्मानित किया गया, जिनमें 37 स्वास्थ्य संस्थान, 19 मास्टर ट्रेनर, 9 स्टोरकीपर, 16 बीटीटी, 10 सहिया, 10 सर्जन, 8 ANM/GNM और 11 काउंसलर शामिल हैं.
राज्य में परिवार नियोजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की गई हैं. कुल प्रजनन दर 3.5 से घटकर 2.3 पर पहुंची है. गर्भनिरोधक प्रचलन दर 35.7 प्रतिशत से बढ़कर 61.7 प्रतिशत हो गई है.
परिवार नियोजन की अपूर्ण आवश्यकता 22.6 प्रतिशत से घटकर 11.5 प्रतिशत रह गई है. चार नई विधियां- अंतरा IM, छाया, अंतरा SC और इम्प्लांट जोड़ी गई हैं. Self Care Kits और कंडोम बॉक्स के माध्यम से अस्थायी विधियों की निःशुल्क उपलब्धता सुनिश्चित की गई है.
2019 से अब तक 1.30 लाख से अधिक सास-बहू-पति सम्मेलन, 6.98 लाख नई पहल किट वितरण और 76 हजार से अधिक परिवार कल्याण दिवस का आयोजन किया गया है.
कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सांसद प्रदीप बलमुचू, निदेशक डाक सेवा बी.आर. चौधरी, निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ सिद्धार्थ सान्याल सहित सभी जिलों के सिविल सर्जन और स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे.



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