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राज्य सेवा की अफसर का तर्क, मेरे पास सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं था, आरोप मुक्त हो गयी

 Ranchi :  राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर ब्रजलता को कार्मिक विभाग ने आरोप मुक्त कर दिया है. यह मामला 2015-16 का है. अधिकारी ब्रजलता ने उचित तर्क दिया. उनके तर्क के कारण सरकार ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया.

 

ब्रजलता ने उचित तर्क पर आरोप था कि उन्होंने बिना सूचना के ड्यूटी से अनुपस्थित रहकर विधि व्यवस्था संधारण में दिक्कत पैदा की और सरकार का काम बाधित किया. इस पर ब्रजलता ने अपनी सफाई में कहा कि उनके पास कोई सरकारी वाहन उपलब्ध नहीं था. न ही कोई प्राइवेट कार या वाहन मिला.

 

ब्रजलता ने कहा, उन्होंने वाहन की मांग जिला योजना पदाधिकारी से भी की, लेकिन वाहन उपलब्ध नहीं हो सका. अंत में उन्हें एक अनजान मोटरसाइकिल वाले व्यक्ति ने मदद की और वह करीब दोपहर 3 बजे कैरो थाना पहुंचीं.

 

क्या है पूरा मामला

 

यह मामला 2015-16 का है. 26 सितंबर 2015 को लोहरदगा जिले के कुडू थाना अंतर्गत लावागाई गांव में एक घटना घटी थी. इसके बाद बजरंग दल, जय श्रीराम समिति एवं विश्व हिंदू परिषद द्वारा लोहरदगा बंद का आह्वान किया गया था. बंद को लेकर  ब्रजलता को विधि-व्यवस्था की ड्यूटी पर लगाया गया था.

 

ब्रजलता का तर्क सुनने के बाद सरकार ने पूरे मामले की समीक्षा की और ब्रजलता को चेतावनी देते हुए आरोपों से मुक्त कर दिया. कार्मिक विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. हालांकि सरकार ने माना कि ब्रजलता का जवाब पूरी तरह से संतोषजनक नहीं था, लेकिन उन्हें भविष्य में सचेत रहने की सलाह दी गयी है.

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