Ranchi : झारखंड में लंबित छात्रवृत्ति भुगतान को लेकर छात्रों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है. आज अखिल झारखंड छात्र संघ (AJSU) छात्र इकाई के नेतृत्व में सैकड़ों छात्र मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका से राजभवन की ओर पैदल यात्रा पर निकले. छात्रों की मुख्य मांग है कि पिछले 1.5 से 2 वर्षों से लंबित छात्रवृत्ति को तुरंत जारी किया जाए.
प्रदर्शन में शामिल छात्र नेताओं ने स्पष्ट कहा कि अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन और तीव्र रूप लेगा. छात्रों ने बताया कि आजसू पिछले तीन महीनों से लगातार छात्रवृति भुगतान के लिए संघर्षरत है, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है.
सरकार सोई है… इसलिए छात्रों को सड़क पर उतरना पड़ा -ओम वर्मा
आजसू प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार छात्रों की समस्याओं से अनजान बनी हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सोई हुई है. इसे जगाने के लिए आजसू लगातार चरणबद्ध आंदोलन कर रही है, पर सरकार अभी तक जागी नहीं है. इसलिए आज राज्यभर से छात्र एकत्र हुए हैं और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं.
वर्मा ने कहा कि झारखंड में बड़ी संख्या में छात्र अपनी पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति पर निर्भर हैं, लेकिन सरकार उसे रोककर बैठी है. इसी वजह से छात्रों ने आज कटोरा लेकर ‘शिक्षा के लिए भिक्षा’ मांगने का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया, ताकि सरकार को उनकी कठिनाइयों का एहसास हो.
आजसू के कार्यकारी अध्यक्ष बबलू महतो ने कहा कि जब छात्रों ने कल्याण विभाग का घेराव किया था, तब अधिकारियों ने उनसे मिलने की जहमत तक नहीं उठाई. उन्होंने कहा कि हम अपने हक की शांतिपूर्ण मांग कर रहे थे, लेकिन पुलिस हमें उठा कर थाने ले गई.
यह झारखंड सरकार द्वारा छात्रों के प्रति अत्याचार है. महतो ने कहा कि सरकार गरीब छात्रों की पीड़ा को नहीं समझती और यदि अब भी छात्रवृत्ति जारी नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र होगा।
मंईयां योजना मिलती है, तो छात्रवृत्ति क्यों नहीं?” — छात्रों का सवाल
वहीं, प्रदर्शन में शामिल कई छात्रों ने सरकार से अपील की कि जैसे मंईयां योजना का पैसा समय-समय पर दिया जाता है, वैसे ही छात्रवृत्ति भी नियमित रूप से जारी की जानी चाहिए.
छात्रों ने बताया कि छात्रवृत्ति के लंबे समय से रुके होने के कारण कई विद्यार्थियों को अपनी फीस भरने के लिए कर्ज तक लेना पड़ा है. उनका कहना है कि यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो गरीब और पिछड़े वर्ग के कई छात्र पढ़ाई से वंचित हो सकते हैं.
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कल्याण मंत्री चमड़ा लिंडा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. बापू वाटिका से राजभवन तक की पैदल यात्रा के दौरान छात्रों ने सरकार की नीतियों के प्रति असंतोष जाहिर किया.
लगातार हो रहे इस आंदोलन ने राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है. अब झारखंड की जनता की नजर इस पर है कि सरकार छात्रों के हक की इस मांग पर क्या कदम उठाती है.
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