Ranchi : रांची विश्वविद्यालय ट्राइबल एंड रीजनल लैंग्वेज (TRL) विभाग में पीएचडी प्रवेश को लेकर छह महीने से चक्कर काट रहे युवकों ने आज रांची विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. इन छात्रों का कहना है कि वे लंबे समय से कुलपति से मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पा रहा था. कुछ दिन पहले मास कम्युनिकेशन विभाग के कार्यक्रम के दौरान उन्हें कुलपति से मिलने का अवसर मिला था, जहां कुलपति ने उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था.
कुलपति के आश्वासन के बाद विश्वविद्यालय ने एक नोटिस जारी की जिसमें कहा गया कि NET-JRF करने वाले छात्रों का पीएचडी प्रवेश अब NET-JRF के आधार पर होगा.नोटिस जारी होते ही छात्र TRL विभाग पहुंचे, लेकिन विभाग ने उनका दाखिला लेने से साफ इंकार कर दिया.
छात्रों का दावा है कि विभाग की ओर से कहा गया कि चूंकि उन्होंने अपनी मास्टर्स की डिग्री किसी दूसरे कॉलेज से पूरी की है, इसलिए उन्हें रांची विश्वविद्यालय के TRL विभाग में दाखिला नहीं दिया जा सकता.छात्रों ने यह गंभीर आरोप भी लगाया कि TRL विभाग की ओर से उनसे पीएचडी दाखिले के नाम पर घूस मांगी जा रही है.हालांकि इस आरोप की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.
निराश छात्रों ने आजसू छात्र संघ से मदद मांगी, जिसने पहले भी उनकी कुलपति से मुलाकात कराई थी.आज फिर आजसू छात्र संघ छात्रों को साथ लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचा. वहां छात्रों ने अपनी पूरी बात रजिस्ट्रार गुरुचरण साहू के सामने रखी.
रजिस्ट्रार गुरुचरण साहू ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि 21 नवंबर, शुक्रवार को वे खुद TRL विभाग जाएंगे और विभागाध्यक्ष से मिलकर छात्रों के दाखिले की प्रक्रिया सुनिश्चित कराएंगे.TRL विभागाध्यक्ष पर लगे आरोपों की अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.जैसे ही विभागाध्यक्ष या विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया सामने आएगी, उसे प्रकाशित कर दिया जाएगा.
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