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ब्लड डोनेशन का ऐसा जुनून : 17 राज्यों की राजधानी पहुंच कर दिया खून, 144वीं बार रक्तदान करने वाले रणदीप बत्ता रिम्स में हुए भावुक

Ranchi : खून बेशकीमती है, अनमोल और जीवनदायिनी है. इसका महत्व 54 वर्षीय रणदीप बत्ता बखूबी समझते है. रणदीप पंजाब के पंचकूला के रहने वाले है और नए साल के दिन वो अपने घर-परिवार से दूर 1600 किलोमीटर का सफर तय कर रिम्स ब्लड बैंक पहुंचे. जहां उन्होंने 144वां रक्तदान किया. रक्तदान के बाद रणदीप अपनी मां को याद कर भावुक हो जाते हैं. रणदीप कहते हैं कि मां के देहांत के बाद उनकी तेरहवीं के दिन मैं ब्लड देने के लिए गुजरात की राजधानी अहमदाबाद गया था. उन्होंने कहा कि मां के लिए इससे बड़ी श्रद्धांजलि मेरे लिए कुछ और हो ही नहीं सकती है. इसे भी पढ़ें - वैष्णो">https://lagatar.in/second-accident-after-vaishno-devi-stampede-landslide-in-mining-zone-located-in-bhiwani-haryana-12-vehicles-buried-15-missing/">वैष्णो

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alt="" width="600" height="400" /> ब्लड डोनेशन के बाद रणदीप को प्रमाण पत्र देते हुए रिम्स निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद[/caption]

18 साल की उम्र से रक्तदान करने का रणदीप ने किया निश्चय

रणदीप ने कहा कि 18 साल की उम्र में जब एनसीसी में था. उस समय शिमला के चहल में हमारी  कैंप थी. वहां ब्लड डोनेशन कैंप लगाया गया था. फौज में शामिल लोगों को खून देता देख मन में जज्बा कायम हुआ और यहीं से ब्लड डोनेशन की शुरुआत हुई. इसे भी पढ़ें -नया">https://lagatar.in/new-year-new-resolution-from-corona-yoga-to-sanatan-dharma-resolve-to-save-culture/">नया

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शादी की सिल्वर जुबली के दिन किया फैसला

रणदीप ने कहा कि हमारी शादी की सिल्वर जुबली थी और इस दिन मन में ख्याल आया कि अब देश के हर एक राज्य की राजधनी में जाकर रक्तदान करना चाहिए. उन्होंने अपने जीवन का 100वां रक्तदान चंडीगढ़ में किया और इसके बाद देश के अलग-अलग राज्यों में जाने का सिलसिला शुरू हो गया. अब तक रणदीप श्रीनगर, शिमला, जयपुर, भोपाल, पटना, लखनऊ, मुंबई, अगरतला, देहरादून, भुवनेश्वर, कोलकाता, चंडीगढ़ और रांची यानी के आधे हिंदुस्तान में घूम कर ब्लड डोनेट कर चुके है. इसे भी पढ़ें -खरसावां">https://lagatar.in/kharsawan-on-january-1-1948-the-family-members-of-the-leaders-of-the-movement-dashrath-and-mangu-soy-expected-government-honors/">खरसावां

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 की आस  

हरियाणा सरकार ने गोल्ड मेडल देकर किया सम्मानित

रणदीप बत्ता के रक्तदान के प्रति जुनून को देखकर हरियाणा सरकार ने उन्हें गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया. वहीं राष्ट्रीय स्तर पर रणदीप को 50 से अधिक पुरस्कार भी मिल चुके हैं. इसे भी पढ़ें -एक्सपर्ट्स">https://lagatar.in/experts-estimate-2022-has-brought-a-gift-of-happiness-for-the-stock-market-economy-and-tech-world/">एक्सपर्ट्स

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