Ranchi : पार्श्व अंतरराष्ट्रीय ट्रस्ट, वाईबीएन विश्वविद्यालय एवं जन कल्याण आवाम वन विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में रांची में आयोजित “रांची साहित्य महोत्सव” का सफल आयोजन किया गया. कार्यक्रम में झारखंड सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.
महोत्सव के दौरान झारखंड की साहित्यिक विरासत, लोक संस्कृति, भाषाई समृद्धि तथा जनसरोकारों से जुड़े विभिन्न विषयों पर व्यापक विमर्श हुआ. इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री महतो ने कहा कि साहित्य समाज की चेतना और संघर्ष का दर्पण होता है. साहित्य और संस्कृति को सशक्त बनाना ही एक मजबूत और आत्मनिर्भर झारखंड की आधारशिला है.
उन्होंने कहा कि साहित्य समाज को जोड़ने, संवेदनशीलता विकसित करने और जनसंघर्षों की आवाज को स्वर देने का सशक्त माध्यम है. आने वाली पीढ़ियों के लिए साहित्यिक परंपराओं को और अधिक समृद्ध व सुदृढ़ बनाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है.
कार्यक्रम में साहित्यकारों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय सहभागिता निभाई और झारखंड की भाषाई व सांस्कृतिक पहचान को नए आयाम देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. ममता मनीष सिन्हा ने झारखंड में साहित्य अकादमी के गठन की मांग रखी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री महतो ने कहा कि कला एवं संस्कृति मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान इस दिशा में पहल की गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार बौद्धिक और सांस्कृतिक विषयों पर अपेक्षित ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर इस बौद्धिक क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन और नई क्रांति लाने के लिए प्रयास करना होगा.
वहीं, वाईबीएन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रामजी यादव ने शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में ठोस और सार्थक कार्य के लिए पूर्ण समर्पण की बात कही. कार्यक्रम में डॉ. ममता मनीष सिन्हा, डॉ. रणधीर वर्मा, प्रो. जे. बी. पाण्डेय, विशाल कुमार सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति रही.
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