Ranchi: मनरेगा में अस्तित्व विहीन दुकानों से सामग्रियों की सप्लाई का भंडाफोड़ हुआ है. जिला स्तर पर की गयी जांच के बाद मिले तथ्यों के आधार पर ग्रामीण विकास विभाग से कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी है. हालांकि जिला स्तर पर पहले इन दुकानदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की गयी थी. लेकिन अपरिहार्य कारणों से इसमें बदलाव किया गया है.
उल्लेखनीय है कि मनरेगा से जुड़ी योजनाओं में अस्तित्व विहीन दुकानों से सप्लाई करने की शिकायत मिलने के बाद गुमला जिला प्रशासन ने जांच का आदेश दिया था. इस प्रशासनिक आदेश के आलोक में जिले के कुछ प्रखंडों ने अपने-अपने प्रखंडों में मनरेगा से जुड़ी योजनाओं में सामग्रियों की सप्लाई करने वाले प्रतिष्ठानों की जांच की.
जांच के दौरान प्रखंड के अधिकारियों से संबंधित दुकानों के पता पर गये. इसमें कुछ प्रतिष्ठान मिले. जबकि कुछ प्रतिष्ठिान सप्लाई से जुड़े दस्तावेज में दर्ज पते पर नहीं मिले. तीन प्रखंडों में जांच के दौरान मनरेगा में सप्लाई करने वाले छह प्रतिष्ठान अपने पते पर नहीं पाया गये.
इसमें मेसर्स राम साहू, मेसर्स जेजे ट्रेडर्स, मेसर्स भुनेश्वर साहू, मेसर्स माधुरी सेल्स एंड सप्लाई, मेसर्स महबूब आलम, मेसर्स शंभु इंटरप्राइजेज का नाम शामिल है. जांच दल में शामिल सदस्यों ने अस्तित्व विहीन दुकानों से मनरेगा योजना में सप्लाई करने की घटना को नियम विरुद्ध माना.
इन दुकानों ने सप्लाई की गयी सामग्रियों पर निर्धारित दर से GST भी नहीं दिया है. प्रखंडों से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद पहले इन कागजी प्रतिष्ठानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुशंसा की गयी. हालांकि बाद में इसमें बदलाव करते हुए ग्रामीण विकास विभाग से कार्रवाई करने की अनुरोध किया गया.
इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया कि अस्तित्व विहीन दुकानों से सामग्रियों की आपूर्ति करना अनियमित है. ऐसे में मनरेगा आपूर्तिकर्ताओं द्वारा ही समय पर राजस्व का भुगतान नहीं किया जाता है. भविष्य में ढूंढने पर दुकान मिलते ही नहीं हैं. ऐसी परिस्थिति में इन दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने में परेशानी होती है. इसलिए इस मामले में सरकार अपने स्तर से फैसला करे.
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