New Delhi : सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ की संपत्ति को उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने के लिए निर्धारित समय को बढ़ाने से संबंधित आदेश देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वक्फ अधिनियम की धारा 3B में समय बढ़ाने का आधिकार ट्रिब्यूनल को है.
वक्फ की संपत्ति को उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने के लिए सरकार ने पांच दिसंबर अंतिम तिथि निर्धारित की है. इस समय को बढ़ाने की मांग को लेकर वक्फ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
इसकी सुनवाई न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश एजी मसीह की पीठ में हुई. मामले की सुनवाई के दौरान वक्फ की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील पेश की. उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन आठ अप्रैल से प्रभावी हुआ.
संपत्ति का ब्योरा अपलोड करने के लिए पोर्टल छह जून को तैयार किया गया. अधिनियम से संबंधित नियमावली तीन जुलाई को बनाई गई. वक्फ संशोधन विधेयक पर रोक लगाने के लिए दायर याचिकाओं पर कोर्ट का फैसला 15 सितंबर को आया.
ऐसी स्थिति में संपत्ति का ब्योरा अपलोड करने के लिए दिया गया समय काफी कम है. 100-125 साल पहले किसने वक्फ किया, इसकी जानकारी नहीं मिल रही है. पोर्टल इस जानकारी के बिना डाटा को स्वीकार नहीं करेगा. सीनियर एडवोकेट एमआर शमशाद ने कहा कि 3B में रजिस्टर्ड संपत्ति का ब्योरा अपलोड करना का नियम है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अधिनियम की धारा 3B में समय बढ़ाने का अधिकार ट्रिब्यूनल के पास है. इसलिए वक्फ को ट्रिब्यूनल के पास जाना चाहिए. साथ ही अपनी समस्याओं का उल्लेख करते हुए समय बढ़ाने का अनुरोध करना चाहिए.
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