Ranchi: भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारियों को न्यायालय की अवमानना के मामले में दोषी करार देन के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होगी. झारखंड हाईकोर्ट ने जमीन विवाद में IFS अफसरों को न्यायालय के अवमानना को दोषी करार दिया था. झारखंड में IFS अधिकारियों को अवमानना में दोषी करार देने की यह पहली घटना है. मामला तेतुलिया जमीन विवाद से संबंधित है.
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. पहले चरण की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बोकारो के उपायुक्त को विवादित जमीन से संबंधित मूल दस्तावेज के साथ कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था. न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश जे.बागची की पीठ में गुरुवार इस याचिका पर अगली सुनवाई होगी. हाईकोर्ट द्वारा अवमानना के मामले में दोषी करार दिये गये अधिकारियों के खिलाफ फिलहाल फैसला सुनाने पर रोक है.
झारखंड हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव और न्यायाधीश दीपक रौशन की पीठ ने उमायुष मल्टीकॉम प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद IFS अधिकारी राजीव रंजन और वेंकटेश्वरलू को अवमानना का दोषी करार दिया था. तेतुलिया की इस विवादित जमीन को इजहार हुसैन और अख्तर हुसैन ने उमायुष को बेचा था. राज्य सरकार द्वारा इजहार हुसैन का म्यूटेशन रद्द करने के मुद्दे पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को रद्द कर दिया था.
इसके बाद इजहार से जमीन खरीदने वाली कंपनी उमायुष ने जमीन पर निर्माण शुरू किया. वन विभाग ने आदेश जारी कर निर्माण कार्य को रोकने का आदेश दिया. उमायुष ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने वन प्रमंडल पदाधिकारी को आपना आदेश लेने का निर्देश दिया. लेकिन वन प्रमंडल पदाधिकारी राजीव रंजन ने आदेश वापस लेने से इनकार करते हुए वेंकटेश्वरलू द्वरा जारी किया गया पत्र न्यायालय में पेश किया. इसके बाद न्यायालय ने वेंकटेश्वरलू को भी प्रतिवादी बनाया. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने दोनों अधिकारियों को अवमानना को दोषी करार दिया.
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