Ranchi: सूर्या हांसदा केस में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्ती दिखाई है. आजसू का प्रयास रंग लाया है. आजसू के केंद्रीय महासचिव संजय मेहता द्वारा दर्ज कराए गए आवेदन पर आयोग ने संज्ञान लिया और गोड्डा के डीसी और एसपी से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है. आयोग की गंभीरता से पीड़ित परिवार को न्याय की आस जगी है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने प्रियांक कानूनगो, माननीय सदस्य की अध्यक्षता में, मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 की धारा 12 के तहत इस मामले पर कार्रवाई की है. आयोग ने शिकायत में लगाए गए आरोपों को प्रथम दृष्टया मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना और निर्देश जारी किए हैं.
आजसू की ओर से संजय मेहता ने 20 अगस्त को आयोग में मामला दर्ज कराया था. 27 अगस्त को आवेदन पर केस दर्ज हुआ. 29 अगस्त को आयोग ने विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश एनएचआरसी महानिदेशक (जांच) को दिया. इसके बाद 2 सितंबर को आयोग ने गोड्डा के डीएम और एसपी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी. साथ ही गोड्डा पुलिस से पूछा गया कि मुठभेड़ की जानकारी समय पर आयोग को क्यों नहीं दी गई.
संजय मेहता ने कहा कि यह लड़ाई सच और न्याय की है. आयोग की सख्ती से भरोसा जगा है. उन्होंने कहा कि आदिवासी-मूलवासी पर गोली चलाना पुलिसिया बर्बरता का परिचायक है और अब इस मामले में न्याय मिलना जरूरी है.
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