Ranchi : केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) में सभी प्राध्यापकों और शिक्षेत्तर कर्मचारियों की मौजूदगी में शिक्षक दिवस मनाया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास की अगुवाई में सभी शिक्षकों और अधिकारियों ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया.
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई. अपने संबोधन में कुलपति प्रो क्षिति भूषण ने कहा शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं और विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों की जिम्मेदारी और भी अधिक होती है. हमें विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी होगी जिसमें समावेशी विकास और तकनीकी प्रगति दोनों ही महत्वपूर्ण हैं.
आगे कहा कि एजुकेशन 4.0 के युग में हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और तकनीक आधारित शिक्षा के लिए तैयार रहना होगा. शिक्षक दिवस पर हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम विश्वविद्यालय और राष्ट्र निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दें. यही सभी शिक्षकों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
इस अवसर पर कुलसचिव श्री के कोसल राव ने भी डॉ राधाकृष्णन को पुष्पांजलि अर्पित कर अपने विचार साझा किए. उन्होंने अध्ययन के साथ-साथ चरित्र निर्माण को भी शिक्षा का मूल तत्व बताया.डीन अकादमिक प्रो मनोज कुमार ने भारतीय गुरु परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में गुरुओं को जीवन का मार्गदर्शक माना गया है और उनकी प्रेरणा से ही शिष्य जीवन में ऊंचाइयों को प्राप्त करते हैं.
प्रो श्रेया भट्टाचार्जी ने अपने शोध-गुरु के अनुभव साझा करते हुए शिक्षण के प्रति समर्पण का महत्व बताया और परीक्षा नियंत्रक डॉ बीबी मिश्रा ने भी शिक्षकों की भूमिका पर विचार रखे.कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो विमल किशोर ने किया.
इस मौके पर वित्त अधिकारी पीके पंडा, प्रो सारंग मेधेकर, प्रो आशीष सचान, प्रो रत्नेश विश्वकसेन, प्रो अर्चना कुमारी, चीफ प्रॉक्टर डॉ अमरेंद्र कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ अनुराग लिंडा, डॉ बैरागी मलिक और पीआरओ (इंचार्ज) डॉ सुदर्शन यादव सहित सभी शिक्षकगण एवं शिक्षेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे
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