Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर घोटाले में तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल की पत्नी रीता लाल सहित आठ के ख़िलाफ आरोप पत्र दायर किया. आरोपित अभियुक्तों में वीरेंद्र राम को घूस और महंगी गाड़ियां देने वाले ठेकेदारों के अलावा वीरेंद्र राम का हिसाब-किताब रखने और घूस की रकम वसूलने वाले ठेकेदारों का नाम शामिल है. ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी द्वारा दायर किया जाने वाला यह चौथा आरोप (Prosecution Complain) पत्र है. इससे अब इस घोटाले में आरोपित अभियुक्तों की संख्या बढ़कर 22 हो गयी है.
ईडी ने PMLA के विशेष न्यायाधीश की अदालत में दायर आरोप पत्र में ग्रामीण विकास में टेंडर घोटाले में कमीशन देने वाले ठेकेदारों के अलावा कमीशन की राशि से संपत्ति खरीदने वालों को आरोपित किया है. ईडी ने चौथे आरोप पत्र में ठेकेदार राजेश कुमार को आरोपित किया है. इसके अलावा उसकी कंपनी मेसर्स राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और परमानंद सिंह बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड को आरोपित किया है. विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कुछ महंगी गाड़ियां जब्त की गयी थी.
ठेकेदार ने वीरेंद्र राम को यह गाड़ियां दी थी. जांच के दौरान ठेकेदार से गहन पूछताछ हुई थी. इसमें ठेकेदार ने यह स्वीकार किया था कि उसने वीरेंद्र राम को घूस के तौर पर 1.88 करोड़ रुपये दिये थे. इसके अलावा Toyota Innova और Toyota Fortuner भी दिया था. ठेकेदार राधा मोहन साहू ने वीरेंद्र राम को 39 लाख रुपये घूस और एक Toyota Fortuner दिया था.
यह गाड़ी राधा मोहन ठेकेदार के बेटे अंकित साहू के नाम पर निबंधित है. ईडी ने वीरेंद्र राम के घूस का हिसाब-किताब रखने वाले अतिकुल रहमान को भी आरोपित किया है. छापेमारी के दौरान अतिकुल के घर से 4.40 लाख रुपये नकद जब्त किया गया था. ईडी ने ठेकेदार राजीव कुमार सिंह को भी आरोपित किया है. राजीव कुमार के घर छापेमारी के दौरान राजीव के घर से 2.13 करोड़ रुपये नकद जब्त किया गया था. पूछताछ के दौरान राजीव ने 15 करोड़ रुपये घूस वसूलने की बात स्वीकार की थी. ईडी ने तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल की पत्नी रीता लाल को अपने पति की नाजायज आमदनी से संपत्ति खरीदने के मामले में आरोपित किया है.
उल्लेखनीय है ईडी ने ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर सुरेश वर्मा को 10 हजार रुपये घूस लेने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को ECIR के रूप मे दर्ज कर ग्रामीण विकास में टेंडर के दौरान घूस लेने और घूस के रकम की लॉन्ड्रिंग करने के मामले की जांच की. ईडी द्वारा की गयी जांच के दौरान कुल 37 करोड़ रुपये नकद जब्त किये गये थे.
इसमें से 32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के करीबी माने जाने वाले जहांगीर आलम के ठिकानों से जब्त किये गये थे. ईडी ने इससे पहले दायर तीन आरोप पत्रों में कुल लोगों को आरोपित किया था. इसमें तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम, आप्त सचिव संजीव लाल, जहांगीर आलम, चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम व पारिवारिक सदस्यों के अलावा हवाला कारोबारी और दिल्ली के Chartered Accountant सहित अन्य शामिल थे.
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