Kolkata : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर सेना का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. दरअसल भाजपा शासित राज्यों में बांग्लाभाषी प्रवासी श्रमिकों पर कथित अत्याचार के विरोध में मध्य कोलकाता स्थित मैदान क्षेत्र में गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन के लिए टीएमसी ने मंच तैयार किया था. ममता का आरोप है कि केंद्र ने सेना का दुरुपयोग कर यह मंच वहां से हटवा दिया.
"Our microphone connection has been cut off. The stage has been damaged. The pandal has been dismantled. I hold no ill will towards the Army. My blame lies squarely with @BJP4India. They should have consulted the West Bengal Police or the Kolkata Police Commissioner. If there had… pic.twitter.com/wNVhL65tCs
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) September 1, 2025
Mamata Banerjee’s government has gone completely paranoid!
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) September 2, 2025
After shamelessly attacking the Indian Army yesterday, her police have now stooped to harassing Army officials by stopping their truck.
Unprecedented and disgraceful! pic.twitter.com/TBOBf1uqui
প্রতিহিংসাপরায়ণ মমতা ব্যানার্জি! মঞ্চ ভাঙার পরের দিনই কলকাতার রাজপথে সেনার ট্রাক আটক করল কলকাতা পুলিশ! দেশ রক্ষাকারী বীর সেনাদের সঙ্গে এমন অপমানজনক আচরণ পশ্চিমবঙ্গের মানুষ মেনে নেবে না? pic.twitter.com/lkz9bcnuZ9
— BJP West Bengal (@BJP4Bengal) September 2, 2025
खबरों के अनुसार जब मंच तोड़ा जा रहा था, उसी समय ममता बनर्जी वहां पहुंचीं. उन्होंने कहा कि मैं सेना को दोष नहीं दे रही, लेकिन इसके पीछे भाजपा प्रतिशोध की राजनीति कर रही है आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार सेना का दुरुपयोग कर रही हैं.
कहा कि यह अनैतिक, अलोकतांत्रिक है. शर्म की बात है कि भाजपा इस स्तर तक गिर गयी है. जान लें कि टीएमसी एक माह से हर शनिवार और रविवार को इस मंच पर धरना दे रही थी.
इस मामले में एक रक्षा अधिकारी ने जानकारी दी कि भारतीय सेना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार मैदान क्षेत्र में दो दिनों की अवधि के लिए कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देती है. बताया कि तीन दिन से अधिक अवधि के कार्यक्रमों के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेना जरूरी है.
टीएमसी को कार्यक्रम आयोजित करने की इजाजत सिर्फ दो दिनों के लिए दी गयी थी. यहां मंच लगभग एक माह से लगा हुआ है. आयोजकों को अस्थायी ढांचा हटाने के लिए कई बार सूचित किया गया था, लेकिन इसे हटाया नहीं गया. इसके बाद सेना ने मंच हटा दिया.
ममता बनर्जी ने कहा कि सेना को मंच हटाने से पूर्व कोलकाता पुलिस से बात करनी चाहिए थी. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस दिवस पर पुलिस का जानबूझकर अपमान किया गया. ममता ने कहा कि वे मुझे बुला सकते थे मैं कुछ ही मिनटों में मंच को वहां से हटवा देती. सेना राज्य पुलिस या कोलकाता पुलिस आयुक्त से संपर्क कर सकती थी. ममता ने कहा कि यह कानून-व्यवस्था का मामला था और यह राज्य का विषय है.
इसस क्र्म में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंच हटाना पुलिस का काम है, सेना का काम नहीं, वे(सेना) स्थानीय पुलिस के बिना राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते. वे कौन होते हैं हमारे झंडे और बैनर हटाने वाले? कहा कि भाजपा के निर्देश पर उन्होंने ऐसा किया. सेना दोषी नहीं है, भाजपा दोषी है. ममता ने आरोप लगाया कि उन्होंने(सेना) रक्षा मंत्री के निर्देश पर किया. ममता ने भाजपा और रक्षा मंत्री को दोषी करार दिया.
केंद्र पर तृणमूल कांग्रेस को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी-नीत सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के बाद सेना को तैनात किया है.
भाजपा ने कहा है कि ममता बनर्जी की सरकार पूरी तरह से पागल हो गयी है. भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि कल भारतीय सेना पर बेशर्मी से हमला करने के बाद अब उनकी पुलिस सेना के अधिकारियों का ट्रक रोककर उन्हें परेशान करने पर उतर आयी है.
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