Ranchi: चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों HIV संक्रमित ब्लड देने वाले बैंक (M/S Blood Bank) का लाइसेंस 2020 में स्वतः समाप्त हो गया था. इसके बावजूद राज्य के ड्रग कंट्रोलर ने इसे बंद करने का आदेश जारी नहीं किया. 
पिछले पांच साल के दौरान ड्रग कंट्रोलर के स्तर से सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी जाती रही. ब्लड बैंकों के लाइसेंस Renewal के मामले में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी भी झूठ बोल रहे हैं कि यह केंद्र का मामला है.
चाईबासा के थैलेसीमिया पीड़ित पांच बच्चों को सदर अस्पताल के ब्लड बैंक (M/S Blood Bank) से HIV संक्रमित ब्लड दिया गया. ब्लड बैंक का लाइसेंस नंबर JH/BB/03/2003 है. इसके लाइसेंस की वैधता 17/5/2003 से 16/5/2007 तक के लिए थी. इस अवधि के लाइसेंस Renewal के लिए ब्लड बैंक से समय पर आवेदन नहीं दिया गया.
10/4/2020 को M/S Blood Bank की जगह बदल दी गयी. इसे अस्पताल के नये भवन में स्थानांतरित कर दिया गया. Drug and Cosmetic Rule में निहित प्रावधान के आलोक में ब्लड बैंक की जगह बदलने के बाद तीन महीने के अंदर उसे नया लाइसेंस लेना चाहिए. निर्धारित समय सीमा के अंदर नया लाइसेंस नहीं लेने पर ब्लड बैंक का लाइसेंस स्वतः रद्द माना जाता है. M/S Blood Bank ने परिवर्तित स्थान के लिए नया लाइसेंस नहीं लिया. यानी अब वह अवैध तरीके से चल रहा है. लेकिन ड्रग कंट्रोलर के स्तर से इस ब्लड बैंक को बंद करने का आदेश जारी नहीं किया गया.
M/S Blood Bank के मामले में ड्रग कंट्रोलर की ओर से पिछले पांच साल से सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी कर कार्रवाई करने की चेतावनी दी जा रही है. और लाइसेंस के लिए भारत सरकार द्वारा बनाये गये Online Portal पर आवेदन देने का निर्देश दिया गया है.
वर्ष 2020 से ड्रग कंट्रोलर के स्तर से अब दर्जनों कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है. उनके हर नोटिस में इस बात का उल्लेख किया जाता है कि परिवर्तित स्थान के लिए तीन महीने के अंदर नया लाइसेंस नहीं लेने पर लाइसेंस स्वतः समाप्त माना जाता है. 
ड्रग कंट्रोल की ओर से वर्ष 2025 में भी M/S Blood Bank को नोटिस जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि मार्च 2024 से ब्लड बैंक के लिेए सभी तरह के आवेदन, नये लाइसेंस के लिए आवदेन भी भारत सरकार के https://www.statedrugs.gov.in पर देना है.
M/S Blood Bank द्वारा 2003 में प्राप्त लाइसेंस की अवधि 2007 तक थी. लाइसेंस प्रपत्र 28-C की शर्तों के नियम चार के अनुसार, स्थल परिवर्तन की तिथि से तीन माह के अंदर नया अनुज्ञप्ति प्राप्त कर लिया जाना है. अन्यथा लाइसेंस की वैधता स्वतः समाप्त हो जायेगी. इसके आलोक में आपको यह निर्देश दिया जाता है कि भारत सरकार के Online Portal पर नया लाइसेंस के लिेए आवेदन करना सुनिश्चित करें.
इससे पहले भी आपको नया लाइसेंस के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया जा चुका है. लेकिन इससे संबंधित कोई सूचना मुख्यालय को नहीं मिला है. इस पत्र के माध्यम से आपको नया लाइसेंस लेने के लिए अंतिम रूप से स्मारित किया जाता है. यह भी सूचित किया जाता है कि बिना वैध लाइसेंस लिये परिवर्तित स्थान पर ब्लड बैंक चलाना Drug and Cosmetic Act 1940 की धारा 18(c) का उल्लंघन माना जायेगा और कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए आप खुद जिम्मेवार होंगे.
ब्लड बैंक लाइसेंस के मामले में झूठ बोल रहे हैं स्वास्थ्य मंत्री

राज्य के सरकारी अस्पताल और कुछ मेडिकल कॉलेजों के ब्लड बैंक का लाइसेंस समाप्त हो चुका है. इन संस्थानों की ओर से लाइसेंस Renewal के लिए फीस जमा कर आवेदन भी दिया गया है. लेकिन लाइसेंस Renew होने की उम्मीद में ब्लड बैंक चल रहे हैं. 
स्वास्थ्य मंत्री लाइसेंस Renewal को केंद्र सरकार का मामला बता रहे हैं. जो पूरी तरह गलत है. राज्य में ब्लड बैंकों को Central Licensing Approving Authority(CLAA) के तहत लाइसेंस मिलता है. इसके तहत राज्य के ड्रग कंट्रोलर के हस्ताक्षर से लाइसेंस जारी किया जाता है. इसके बाद उसे Approval के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा जाता है. केंद्र सरकार राज्य के फैसले पर सहमति या असहमति व्यक्त करती है.
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