Ranchi : झारखंड में भूदान आंदोलन के तहत लगभग 14.5 लाख एकड़ जमीन दान में प्राप्त हुई. इसमें सिर्फ 13 फीसदी ही जमीन का वितरण हो पाया, जिससे भूमिहीन परिवारों की उम्मीदें अधूरी रह गई हैं.
इस आंदोलन का उद्देश्य भूमिहीनों को जमीन का अधिकार दिलाना था, लेकिन अब तक यह सपना पूरा नहीं हो पाया है. बताते चलें कि भूदान आंदोलन की शुरुआत 1951 में आचार्य विनोबा भावे ने की थी, जिसका उद्देश्य बड़े भूस्वामियों से जमीन दान लेकर उसे भूमिहीनों के बीच बांटना था.
रघुवर काल में कमेटी भी बनी, पर निष्क्रिय रही
रघुवर दास के शासन काल में कमेटी भी बनी थी. जिसमें सेवानिवृत आइएएस फिदेलिस टोप्पो को अध्यक्ष बनाया गया था. इसके अलावा धर्मेंद्र पांडेय, रामचंद्र रवानी और अरविंद अंजुम को सदस्य बनाया गया था.
लेकिन कमेटी के अध्यक्ष व सदस्यों के लिए मानदेय की व्यवस्था नहीं होने के कारण कमेटी पूरी तरह से निष्क्रिय रही. भूदान यज्ञ कमेटी का गठन समय पर नहीं हो पा रहा है, जिससे भूमि वितरण प्रक्रिया में देरी हो रही है.
किस क्षेत्र में भूदान की कितनी जमीन और कितना हुआ वितरण
क्षेत्र | भूदान जमीन (एकड़ में) | वितरण (एकड़ में) |
संताल परगना | 1,94,295 | 17,069 |
रांची | 96,616 | 18,037 |
पलामू | 2,66,699 | 37,102 |
हजारीबाग | 8,82,882 | 1,14,308 |
सिंहभूम | 25,190 | 3,869 |
धनबाद | 7,525 | 1956 |
• कुल जमीन प्राप्त हुई 14,73,207 एकड़
• कुल जमीन का वितरण हुआ 1,92,341 एकड़
किस क्षेत्र में कितनी है लाभुकों की संख्या
क्षेत्र | लाभुकों की संख्या |
संथालपरगना | 10,622 |
रांची | 7,798 |
पलामू | 14,371 |
हजारीबाग | 48,863 |
सिंहभूम | 1,778 |
धनबाद | 1,231 |
• कुल लाभुकों की संख्या 84,663
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