Ranchi : प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा है कि झारखंड में उग्रवाद की समाप्ति के प्रति केंद्र सरकार का रवैया पूरी तरह उदासीन है. नक्सलवादी गतिविधियों पर अंकुश के लिए सुरक्षा बल में शामिल जवान बधाई के पात्र हैं.
हजारीबाग में सुरक्षा बलों द्वारा तीन इनामी उग्रवादियों को मार गिराने के लिए सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा झारखंड से 95% उग्रवाद समाप्त होने का दावा किया जाता है जबकि हकीकत बिल्कुल इसके विपरीत है. उग्रवाद समाप्ति का दावा उग्रवाद उन्मूलन के लिए दी जाने वाली राशि को रोकने का बहाना है.
केंद्र ने रोक रखा है एसआरई फंड
सोनाल शांति ने कहा कि उग्रवाद उन्मूलन के लिए एसआरई फंड के तहत झारखंड को उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के लिए पेट्रोल, डीजल, पुलिस गश्त, विकास कार्यों के लिए फंड उपलब्ध कराया जाता था लेकिन दो वित्तीय वर्षों से केंद्र सरकार ने यह राशि पूरी तरह से रोक रखा है. इसके कारण उग्रवाद के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान चलाने में कठिनाई हो रही है.
सुरक्षा बलों की सजगता और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में स्थापित 196 पुलिस विकेट में तैनात जवानों की सतर्कता के कारण उग्रवादी गतिविधियों पर नियंत्रण है. अगर केंद्रीय गृह मंत्री को उग्रवाद उन्मूलन का श्रेय लेना है तो 196 पुलिस विकेट को हटाकर वास्तविकता से परिचित होना चाहिए.
झारखंड की सरेंडर पॉलिसी है बेहतर
झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण नीति से भी उग्रवादी गतिविधियों में शामिल नक्सलवादियों ने समाज के मुख्य धारा से जुड़ने की ओर रुख किया है. अगर केंद्र सरकार वास्तव में 2026 तक उग्रवाद की समाप्ति चाहती है तो एसआरई और एससीएएस के तहत मिलने वाली राशि अविलंब जारी करे.
केंद्रीय सहायता के बिना स्कूल,स्वास्थ्य सुविधा विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उग्रवाद की जमीनी हकीकत का आकलन केंद्र सरकार को करना चाहिए ताकि इस ओर मजबूती से योजनाओं पर कार्य हो सके.
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