- 25 से 31 दिसंबर तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा करेगी अटल स्मृति सम्मेलन
- कांग्रेस ने अपने शासन में सैकड़ों योजनाओं का नाम एक परिवार से लिया
- झारखंड निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से चल रही क्लीनिक का नाम भी बदल दिया
Ranchi : भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में सांगठनिक बैठक संपन्न हुई. बैठक के बाद प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सांसद आदित्य साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी राम विरोधी, विकसित भारत विरोधी पार्टी है.
कांग्रेस को घुसपैठियों से प्रेम है लेकिन भारत की जनता से नहीं. हर गरीब को रोजगार मिले, उसकी गरिमा और सम्मान बढ़े इसके लिए जी राम जी योजना को लाया गया है.
इस योजना का उद्देश्य विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है. यह योजना पूरी तरह से महात्मा गांधी की भावनाओं के अनुरूप राम राज्य की स्थापना के लिए है.
रोजगार योजना का नाम पहले से महात्मा गांधी के नाम पर नहीं था
रोजगार योजना का नाम पहले से महात्मा गांधी के नाम पर नहीं था. 1980 में इंदिरा गांधी ने सभी पुरानी रोजगार योजनाओं को मिलाकर राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बनाए थे, राजीव गांधी ने इसे जवाहर रोजगार योजना में बदला बाद में मनमोहन सरकार ने इसे नरेगा और मनरेगा में परिवर्तित किया.
कांग्रेस पार्टी बताए क्या नाम बदलकर कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू का अपमान किया था. नाम बदलने की योजना नहीं है बल्कि ग्रामीण भारत की वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बनाई गई योजना है. 2005 की तुलना में आज के ग्रामीण भारत की आवश्यकताएं बदली हैं.
मनरेगा में 11.74 लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं
मनरेगा के सरकारी आंकड़े बताते हैं कि अबतक इस योजना में 11.74 लाख करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं जिसमें अधिकांश राशि घोटाले और बिचौलियों में बंट गए. गरीब के हाथ खाली रहे. योजनाओं को मशीनों से पूरा किया गया जिसके कारण इसका वास्तविक लक्ष्य पूरा नहीं हुआ.
नई योजना में घोटालों से निजात मिलेगी. योजनाओं को रियल टाइम डेटा से जोड़ा गया है, जीपीएस मोबाइल से मॉनिटरिंग का प्रावधान है. इससे योजनाएं सही लाभुक तक पहुंचेगी.
यह योजना किसानों के लिए विशेष लाभकारी है. फसल बुवाई और कटाई के मौसम में मजदूरों की कमी नहीं हो इसलिए 60 दिनों तक इस योजना को बंद करने का प्रावधान है.
सभी विधानसभा क्षेत्रों में होंगे अटल स्मृति सम्मेलन
• अटल जन्म शताब्दी वर्ष को बूथ स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाने का निर्णय हुआ है.
• 24 दिसंबर को सभी स्थानों पर अटल जी की प्रतिमा की सफाई की जाएगी. शाम को दीपोत्सव मनाया जाएगा.
• आगामी 25 से 31 दिसंबर तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में अटल स्मृति सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.
• सभी जिलों में सात दिनों तक अटल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चित्र प्रदर्शनी, रंगोली प्रतियोगिता, कवि सम्मेलन जैसे कार्यक्रम भी आयोजित होंगे.
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