- राउज एवेन्यू कोर्ट ने नहीं दिया है क्लीन चिट, मामले को माना विचाराधीन, ट्रायल रहेगा जारी
- भाजपा कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान मूकदर्शक रही पुलिस
- पुलिस प्रशासन बन गया है राज्य सरकार का टूल किट
Ranchi : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में प्रदेश कांग्रेस के प्रदर्शन को कांग्रेस पार्टी का मानसिक दिवालियापन करार दिया. कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में अनर्गल प्रलाप कर भ्रष्टाचार को छुपाना चाहती है. जबकि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार की जननी, पोषक और संरक्षक है.
नेशनल हेराल्ड मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट का फैसला कहीं से भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी को क्लीन चिट नहीं है. इस फैसले ने सिर्फ एफआईआर दर्ज नहीं होने की बात कही है और मामले को विचाराधीन करार देते हुए ट्रायल को जारी रखने की बात भी कही है.
नेशनल हेराल्ड मामला शुद्ध रूप से धोखाधड़ी का मामला
नेशनल हेराल्ड मामला शुद्ध रूप से धोखाधड़ी का मामला है जिसमें धारा 420 के तहत सात साल की सजा है. इसके पहले भी कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं जहां इन्हें कोई राहत नहीं मिली.
दोनों अदालतों ने मामले को प्रथम दृष्ट्या गंभीर मानते हुए खारिज करने से इनकार कर दिया है. और कहा कि इसे निरस्त करने का कोई औचित्य भी नहीं बनता.
कांग्रेस पार्टी भीतर से हो चुकी है खोखली
कांग्रेस पार्टी भीतर से खोखली हो चुकी है. संवैधानिक मर्यादाओं के तहत काम करने की राजनीतिक क्षमता कांग्रेस के पास नहीं बची है. नेशनल हेराल्ड की इमारत निर्विवाद रूप से दिल्ली की एक प्रमुख संपत्ति है जिसे व्यावसायिक के लिए लीज पर दिया गया है.
यह 2000 करोड़ की संपत्ति को हड़पने का मामला है जो खत्म नहीं हुआ है. कानून की नजर में दोषी बख्शे नहीं जाएंगे. यही कांग्रेस पार्टी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न्यायालय का विरोध करती है और आज राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले पर जनता को दिग्भ्रमित कर रही है.
पुलिस प्रशासन राज्य सरकार का बन गया है टूल किट
लोकतंत्र में किसी भी राजनीतिक सामाजिक संगठन को धरना प्रदर्शन का अधिकर है लेकिन जिस प्रकार से आज पुलिस प्रशासन के संरक्षण में कांग्रेस के नेताओं ने जिसमें कई संवैधानिक दायित्वों से भी जुड़े हैं ने भाजपा प्रदेश कार्यालय के गेट तक पहुंच कर प्रदर्शन किया इससे स्पष्ट है कि पुलिस प्रशासन राज्य सरकार का टूल किट बन गया है.
भाजपा कार्यकर्ताओं ने संयम बरता नहीं तो प्रतिक्रिया में कोई भी बड़ी घटना घट सकती थी. आखिर प्रशासन द्वारा बैरिकेटिंग किए जाने के बाद भी कांग्रेस के लोगों को भाजपा प्रदेश कार्यालय के गेट तक किसके इशारे पर पहुंचने दिया गया. मरांडी ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की. कहा कि राज्य सरकार ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करे.
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