Ranchi : मोरहाबादी स्थित रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत मंडप में मंगलवार को करम पूर्व संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस सांस्कृतिक आयोजन का आयोजन सरना नवयुवक संघ द्वारा किया गया.कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व कुड़ुख विभागाध्यक्ष डॉ. हरि उरांव ने की.
इसके साथ ही रांची विश्वविद्यालय की डॉ.बिनिता एक्का, डॉ.रविन्द्र कुमार भगत, डॉ.प्रकाश चंद्र उरांव, पूर्व डीएसपी दिनेश उरांव, ओपेन युनिवर्सिटी के कुलपति त्रिवेणी साहु,केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रामु उरांव, जनजातीय भाषा विभाग के समन्वयक बिनोद कुमार और मुंडारी विभागाध्यक्ष मनय मुंडा समेत अन्य बुद्धिजीवी एवं सामाजिक कार्यकार्ता मौजूद रहे.
इस अवसर पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय,रांची विश्वविद्यालय के जनजातिय भाषा विभाग,आदिवासी छात्रावासा के बालक एवं बालिका के यूजी एवं पीजी छात्रावास के विद्यार्थियो ने भाग लिया.इसमें पांच भाषामुंडारी,कुडुख,संथाली,खड़िया और हो भाषा विभाग के विद्यार्थियो ने अपने अपने भाषा में करम नृत्य प्रस्तुत किए.कार्यक्रम की शुरुआत सरना प्रार्थना सभा से हुई.
120 छात्राओं ने पेश किया शानदार नृत्य-गीत
दीपशिखा आदिवासी पीजी बालिका छात्रावास न्यू नगड़ा टोली की 120 छात्राओं ने पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य प्रस्तुत किया. मांदर की थाप और पायल की छनक पर सभी थिरकने लगे.छात्राओं ने कुडुख भाषा में चलो भाई नाचने और गाने प्रस्तुत किया, वहीं रामपुर टोली ने मुंडारी भाषा के गीत से अखड़ा संस्कृति को जीवंत कर दिया.
पारंपरिक वेशभूषा और वाद्ययंत्र में झूमे युवक-युवतियां
युवक सफेद गंजी, गमछा और माथे पर मोर पंख सजाए नाचते दिखे, वहीं महिलाएं लाल पाड़ साड़ी और माथे पर रंग बिंरगे खोपा,हाथो मे चमचमाती चुडी पहने हुए दीक्षांत मंडप अखड़ा परंपरा को जीवित कर रही थीं.ढोलक पर बिनोद मुंडा, नगाड़ा पर सोमा मुंडा व साथियों ने और बांसुरी पर लेखन प्रकाश मुंडा की मधुर ध्वनि ने पूरे मंडप को मंत्रमुग्ध कर दिया और झांझ की थाप ने माहौल को और रोमांचक बना दिया.
छात्राओं ने बताया आस्था और संस्कृति का पर्व
छात्राओं ने कहा करम हमारी आस्था और एकजुटता का प्रतीक है. इस अखड़ा से जाने का मन ही नहीं करता.करम पर्व प्रकृति आराधना, सहयोग और स्त्री-सशक्तिकरण का संदेश देता है.आधुनिकता के बीच भी यह परंपरा नया आयाम गढ़ रही है.
सरना फूल पत्रिका का विमोचन
कार्यक्रम में सरना फूल पत्रिका का विमोचन हुआ. इसमें करम पर्व और आदिवासी संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को संजोया गया है.यह चालिस पेज की पत्रिका है.जिसमें दिशोम गुरू शिबु सोरेन का फोटो को कवरपेज मे छायांकित किया गया है
Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.
Leave a Comment