New Delhi : केंद्र सरकार ने वक्फ की संपत्ति का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने का समय तीन महीना बढ़ा दिया है. केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने यह जानकारी दी.
पोर्टल पर ब्योरा अपलोड करने का आज (पांच दिसंबर) अंतिम दिन था. केंद्रीय मंत्री ने समय सीमा बढ़ाने का फैसला सांसदों द्वारा चार दिसंबर को दिए गए ज्ञापन के आलोक में किया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले तीन महीने तक उम्मीद पोर्टल पर ब्योरा अपलोड नहीं होने पर मुतवल्लियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों द्वारा दिए गए ज्ञापन और उसमें वर्णित कठिनाईयों पर विचार करने के बाद और तीन महीने का समय बढ़ाने का फैसला किया गया है.
वक्फ एक्ट में निहित प्रावधान के तहत पोर्टल पर समय सीमा बढ़ाने का अधिकार ट्रिब्यूनल के पास है. अगर इस समय सीमा में भी ब्योरा अपलोड करने में कोई समस्या हो तो ट्रिब्यूनल के पास समय सीमा बढ़ाने के लिए जाया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों वक्फ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इसमें संपत्तियों का ब्योरा अपलोड करने में हो रही परेशानियों का उल्लेख करते हुए समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने समय बढ़ाने के बदले ट्रिब्यूनल में जाने का निर्देश दिया था. क्योंकि अधिनियम में ब्योरा अपलोड करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का अधिकार ट्रिब्यूनल के पास है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय सीमा नहीं बढ़ाए जाने पर सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजिजू को ज्ञापन देकर समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया था. केंद्रीय मंत्री ने सांसदों के अनुरोध को स्वीकार करते हुए तीन महीने का समय बढ़ा दिया.
ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधिमंडल में डॉ सरफराज अहमद (झामुमो), मौलाना मोहिबुल्लाह (सपा), इमरान मसूद (कांग्रेस), नासिर हुसैन (कांग्रेस), एमएन हक (तृणमूल कांग्रेस), डॉ फौजिया खान (एसीपी), अरविंद सावंत (यूबीटी), एम बशीर (इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग), जे. माथुर (कांग्रेस), इमरान प्रतापगढ़ी (कांग्रेस), अनिल कुमार यादव (कांग्रेस), एस. राजाथि (डीएमके) सहित अन्य शामिल है.
सासंदों द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया था कि तकनीकी सहित अन्य कई कारण है. इन समस्याओं की वजह से निर्धारित समय सीमा में वक्फ की संपत्तियों का ब्योरा अपलोड करना संभव नहीं हो पाया है. अधिकतम संपत्ति ग्रामीण क्षेत्रों में है.
साथ ही वक्फ के मुतवल्ली काफी उम्रदराज हैं. इसके अलावा वे कंप्यूटर फ्रेंडली भी नहीं है. इससे भी ब्योरा अपलोड करने में परेशानियां पैदा हो रही है. वक्फ अधिनियम में किए गए जेल और दंड के प्रावधान की वजह से लोगों में ज्यादा परेशानी है. इस समस्या के समाधान के लिए ब्योरा अपलोड करने का समय सीमा बढ़ाना जरूरी है. सरकार के पास इस समय सीमा को बढ़ाने का अधिकार है.
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