Ranchi: दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि महाजनी प्रथा के उन्मूलन से शुरू हुआ था. गुरुजी का सामाजिक आंदोलन आगे चलकर आदिवासी समाज की सत्ता और सामाजिक भागीदारी के लिए संघर्ष में परिवर्तित हुआ. यही आंदोलन झारखंड अलग राज्य निर्माण की नींव बना. उन्होंने पूरे झारखंडी जनमानस को जागरूक किया, जिसका परिणाम 2000 में झारखंड के रूप में सामने आया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गुरुजी का जीवन पूरी तरह जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए समर्पित था. उनकी सोच थी कि गांव मजबूत हो तो राज्य और देश मजबूत होगा. आदिवासी समाज के अधिकार, स्वाभिमान और सशक्तिकरण के लिए उनका दशकों लंबा संघर्ष झारखंड के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि गुरुजी न केवल झारखंड, बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे. गुरुजी के निधन पर कांग्रेस नेताओं प्रदीप तुलस्यान, रविंद्र सिंह, जयशंकर पाठक, राकेश सिन्हा, अमूल्य नीरज, खलको सतीश मुजनी, सोनाल शांति, आभा सिन्हा, अभिलाष साहू, कमल ठाकुर और राजन वर्मा ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है.
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