- 132 साल पुराना है किशोरगंज का देवी मंडप, राजा के स्वप्न में आकर मां ने मंदिर स्थापना करने कहा था
Ranchi : रांची के किशोरगंज स्थित ऐतिहासिक देवी मंडप में इस वर्ष भी दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाया जा रहा है. सोमवार को महासप्तमी के अवसर पर पूजा पंडाल का पट मंत्रोच्चार और पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ खोला गया.

पूजन कार्य देवेंद्र पांडेय की अगुवाई में संपन्न हुआ. जबकि यजमान के रूप में लाल आशुतोष नाथ शाहदेव और अमृता शाहदेव ने पूजा में भाग लिया. इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालू मौजूद रहे.

देवी मंडप की स्थापना से जुड़ी पौराणिक कथा
इस देवी मंडप की स्थापना के पीछे एक रोचक और श्रद्धाभाव से जुड़ी कहानी है. कहा जाता है कि एक समय रांची का बड़ा तालाब कीचड़ और मिट्टी से भर गया था. इसी मिट्टी से रांची पहाड़ी का निर्माण हुआ. उसी दौरान देवी मंडप का अस्तित्व भी खतरे में पड़ने लगा था.
तभी पालकोट के तत्कालीन राजा को एक दिव्य स्वप्न आया, जिसमें माता दुर्गा ने स्वयं उन्हें दर्शन दिए और किशोरगंज में मंदिर स्थापित करने का आदेश दिया. राजा ने 1890 में माता के निर्देश का पालन करते हुए इस स्थान पर देवी मंडप की स्थापना करवाई. तभी से यह स्थल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है.
धार्मिक महत्व और आस्था का केंद्र
किशोरगंज देवी मंडप रांची के सबसे पुराने और प्रसिद्ध दुर्गा पूजा स्थलों में से एक है. यह मंदिर केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए ग्राम देवी के रूप में पूजित है. नवरात्र के नौ दिनों में यहां हजारों श्रद्धालू दर्शन के लिए आते हैं. मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है.



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